ताइवान से मिसाइल करने से नाराज चीन ने लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाए

Edited By PTI News Agency,Updated: 14 Jul, 2020 05:35 PM

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बीजिंग, 14 जुलाई (भाषा) चीन ने मंगलवार को अमेरिका के शीर्ष हथियार निर्माण कंपनी लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। बीजिंग ने यह कदम अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा ताइवान को पीएसी-3 वायु रक्षा मिसाइल करार को मंजूरी देने के जवाब में...

बीजिंग, 14 जुलाई (भाषा) चीन ने मंगलवार को अमेरिका के शीर्ष हथियार निर्माण कंपनी लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। बीजिंग ने यह कदम अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा ताइवान को पीएसी-3 वायु रक्षा मिसाइल करार को मंजूरी देने के जवाब में उठाया जिसका निर्माण यह कंपनी करती है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चीन मजबूती से अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचने का विरोध करता है। हम अमेरिका का आह्वान करते हैं कि वह ‘एक चीन’ के सिद्धांत का ईमानदारी से अनुपालन करे, ताइवान को हथियारों की बिक्री बंद करे और ताइवान के साथ सैन्य संबंधों को समाप्त करे ताकि द्विपक्षीय संबंधों को एवं ताइवान जलडमरुमध्य में शांति और सुरक्षा को और नुकसान नहीं पहुंचे।’’ झाओ की यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा पैट्रियॉट एडवांस्ड कैपेबिलिटी- (पीएसी-3) वायु रक्षा प्रणाली को बेचने के लिए ताइवान के पुनप्रमाणीकरण अनुरोध को स्वीकार करने के कई दिन बाद आई है। इस प्रणाली पर 62 करोड़ डॉलर खर्च आने का अनुमान है। अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) पहले ही संभावित बिक्री को अधिसूचित कर चुकी है। डीएससीए के बयान के हवाले से अमेरिकी मीडिया ने बताया कि ताइवान ने पीएसी-3 मिसाइल रक्षा प्रणाली के कुछ हिस्सों को खरीदने का अनुरोध किया था ताकि यह 30 साल के परिचालन अवधि तक काम कर सके। लॉकहीड मार्टिक कॉरपोरेशन इस करार का प्रमुख ठेकेदार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध जवाबी कार्रवाई के तहत लगाया है। झाओ ने कहा, ‘‘चीन ने सभी जरूरी कदम उठाने का फैसला किया है। हम इस बिक्री के मुख्य ठेकेदार लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाएंगे।’’ विश्लेषकों का कहना है कि चीनी प्रतिबंध संकेतात्मक है क्योंकि लॉकहीड मार्टिन चीन को कोई हथियार नहीं बेचती।

उल्लेखनीय है कि शिनजियांग और अन्य मुद्दों को लेकर दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है और इसी कड़ी में सोमवार को चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों और राजनीतिज्ञों पर वीजा प्रतिबंध लगाया था। यह कार्रवाई अमेरिका द्वारा चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ पदाधिकारियों पर कथित रूप से उइगर मुस्लिमों को निशाना बनाकर मानवाधिकार का उल्लंघन करने के आरोप की वजह लगाई गई पाबंदी के जवाब में की गई। चीन ने अमेरिकी कांग्रेस की चीन गठित कार्यकारी आयोग (सीईसीसी), अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के अमेरिकी राजदूत सैम्युल ब्राउनबैक, कांग्रेस सदस्य क्रिस स्मिथ, शीर्ष सीनेटर मार्को रुबियो और टेड क्रूज पर वीजा पाबंदी लगाई है।

उल्लेखनीय है कि सीईसीसी के अध्यक्ष रुबियो हैं और चीन के खिलाफ मुखर रहे हैं। वहीं तीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य हैं। चीन के सरकारी अखबार ने चीनी विशेषज्ञों को उद्धृत करते हुए लिखा कि अमेरिका की पीएसी-3 मिसाइल बेचने से ताइवान जलडमरुमध्य के शक्ति-संतुलन में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन इससे ताइवान को झूठी अलगाववादी ताकत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि यह इस साल यह दूसरा मौका है जब अमेरिका ने ताइवान को हथियार बेचने की मंजूरी दी है। इससे पहले अमेरिका ने 20 मई को ताइवान को 18 एमके-48 मोड-6 आधुनिक तकनीक से लैस शक्तिशाली टारपीडो बेचने की मंजूरी दी थी। चीन, ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। ताइवान की राष्ट्रपति साई-इंग-वेन के दोबारा निर्वाचित होने के बाद से बीजिंग और ताइपे के बीच तनाव बढ़ा है क्योंकि वेन ताइवान की स्वतंत्रता की पक्षधर हैं।



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