Edited By PTI News Agency,Updated: 31 Jan, 2023 01:39 PM
वाशिंगटन, 31 जनवरी (भाषा) निराशा या अवसाद से गुजर रहे युवा वयस्कों में दिल की बीमारी होने का खतरा अधिक हो सकता है तथा उनका हृदय संबंधी स्वास्थ्य खराब होता है।
वाशिंगटन, 31 जनवरी (भाषा) निराशा या अवसाद से गुजर रहे युवा वयस्कों में दिल की बीमारी होने का खतरा अधिक हो सकता है तथा उनका हृदय संबंधी स्वास्थ्य खराब होता है।
एक नए अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जो युवा वयस्क अवसादग्रस्त या खराब मानसिक सेहत वाले होते हैं उनमें दिल का दौरा पड़ने, आघात तथा दिल की बीमारी के अन्य खतरे होने की आशंका अधिक होती है।
जॉन्स हॉप्किंस मेडिसिन अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में 18 से 49 वर्ष की आयु के बीच के पांच लाख से अधिक लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि युवा तथा मध्यम आयु के वयस्कों में दिल की बीमारी का संबंध अवसाद से है तथा इसमें संकेत दिया गया है कि इन दोनों परिस्थितियों के बीच संबंध वयस्कता की शुरुआत से ही शुरू हो सकता है।
अध्ययन में कहा गया है, ‘‘जब आप तनाव में, बेचैन या अवसाद में होते हैं तो आपके भीतर बहुत भावनाएं उमड़ रही होती हैं तथा आपकी हृदय गति और रक्तचाप बढ़ता है।’’
अध्ययन की वरिष्ठ लेखक गरिमा शर्मा ने कहा, ‘‘यह आम बात है कि हताश महसूस करने से आप खराब जीवनशैली अपना सकते हैं जैसे कि धूम्रपान, शराब पीना, कम सोना और शारीरिक रूप से सक्रिय न होना - ये सभी विपरीत स्थितियां आपके हृदय पर नकारात्मक असर डालती हैं।’’
अध्ययन के अनुसार, दिल की बीमारी के जोखिम में उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक वजन/मोटापा, धूम्रपान, मधुमेह और खराब शारीरिक गतिविधि तथा आहार शामिल है।
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