Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Mar, 2018 02:05 PM
अगर आप भी किसी के साथ होते हुए भी उसके साथ नहीं हैं यानी उससे बात करने के बजाय नजरें मोबाइल फोन में गड़ाए रहते हैं तो अब अलर्ट हो जाइए। एक अध्ययन में पता चला है कि दूसरों को नजरअंदाज करके अपने सेल फोन में मग्न रहने (फबिंग) से रिश्तों पर नकारात्मक...
लंदन: अगर आप भी किसी के साथ होते हुए भी उसके साथ नहीं हैं यानी उससे बात करने के बजाय नजरें मोबाइल फोन में गड़ाए रहते हैं तो अब अलर्ट हो जाइए। एक अध्ययन में पता चला है कि दूसरों को नजरअंदाज करके अपने सेल फोन में मग्न रहने (फबिंग) से रिश्तों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ केंट के मनोचिकित्सकों ने किसी को नजरअंदाज करते हुए अपने फोन में लगे रहने वाले लोगों पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया। उन्होंने इसे फबिंग का नाम दिया है। उन्होंने पाया कि फबिंग बढ़ने से आपसी संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ता है।
उन्होंने 153 लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया जिन्हें दो लोगों की बातचीत के एनिमेशन को देखने के लिए कहा गया और साथ ही यह मानने के लिए कहा गया कि उनमें से एक वह खुद हैं। हर भागीदार को तीन अलग-अलग तरह की स्थिति दी गई: बिल्कुल भी फबिंग नहीं, आंशिक फबिंग या पूरी तरह से फबिंग। नतीजों में पता चला कि जैसे ही फबिंग का स्तर बढ़ा तो लोगों की मूल जरूरतों पर खतरा पैदा हो गया। उनकी संवाद गुणवत्ता खराब रही और उनके रिश्ते ज्यादा संतोषजनक नहीं रहे।