Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2020 02:06 PM
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि एंटीवायरस दवा ‘रेमेडिसीवर’ सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लंगूरों में वायरस की मात्रा कम करता है और उन्हें फेफडों ...
वॉशिंगटन: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि एंटीवायरस दवा ‘रेमेडिसीवर’ सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित लंगूरों में वायरस की मात्रा कम करता है और उन्हें फेफडों का रोग नहीं होने देता। जर्नल ‘नेचर’ में मंगलवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना वायरस के मरीजों को शुरू में ही यह दवा देने से उन्हें निमोनिया नहीं होता। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि रेमेडिसीवर का दायरा काफी व्यापक है और यह पशुओं में सार्स-सीओवी और मेर्स-सीओवी में संक्रमण को रोकने में काफी प्रभावी साबित हुई है।
उन्होंने बताया कि दवा का परीक्षण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में किया जा रहा है। अनुसंधानकर्ता एमी डी विट और उनके सहयोगियों ने रेमेडिसीवर के प्रभाव का बंदरों की पुरानी प्रजाति पर अध्ययन किया और पाया कि जिन लंगूरों को यह दवा दी गई उनमें सांस संबंधी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए और उनके फेफड़ों को भी कम क्षति पहुंची है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में शुरूआती दौर में इस दवा का इस्तेमाल उपचार को प्रभावी बना सकता है।