Edited By Pardeep,Updated: 19 Apr, 2018 11:53 PM
अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर शुल्क वृद्धि को लेकर मुआजवा मांगने की दौड़ में भारत और चीन के साथ रूस भी शामिल हो गया है। विश्व व्यापार संगठन ( डब्ल्यूटीओ ) की वेबसाइट पर रूस का आग्रह डाला गया है। इसमें दलील दी गई है कि 23 मार्च से...
जिनेवा: अमेरिका द्वारा इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर शुल्क वृद्धि को लेकर मुआजवा मांगने की दौड़ में भारत और चीन के साथ रूस भी शामिल हो गया है।
विश्व व्यापार संगठन ( डब्ल्यूटीओ ) की वेबसाइट पर रूस का आग्रह डाला गया है। इसमें दलील दी गई है कि 23 मार्च से लागू यह शुल्क रक्षोपाय ( सेफगार्ड ) उपाय है जो अमेरिका के घरेलू उत्पादकों को बढ़ते आयात से संरक्षण को लगाया गया है। वहीं डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा है कि ये उपाय राष्ट्रीय सुरक्षा की वजह से किए गए हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रूस के कदम का क्या मतलब है। यह शुल्कों को लेकर डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान प्रक्रिया में जाने की अपील नहीं है।
डब्ल्यूटीओ नियमों के अनुसार यह पता लगाने के लिए कि रूस मुआवजे का हकदार है कि नहीं, विवाद निपटान प्रक्रिया शुरू करनी जरूरी है। रूस 2012 में डब्ल्यूटीओ में शामिल हुआ था। उसके बाद से रूस ने कभी डब्ल्यूटीओ में अमेरिका के खिलाफ शिकायत नहीं की है। अभी तक चीन ने सिर्फ ऐसा किया है। वहीं भारत ने इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ बातचीत की मंशा जताई है।