रूस की मिसाइल एवनगार्ड तैनाती को तैयार, दहशत में दुनिया

Edited By Tanuja,Updated: 29 Dec, 2018 01:30 PM

russia successfully tests new hypersonic missile avangard

रूस ने दक्षिण-पश्चिम रूस के डोंबरावस्की एयरबेस से अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल एवनगार्ड का सफलतम परीक्षण कर पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया है...

PunjabKesariमॉस्कोः रूस ने दक्षिण-पश्चिम रूस के डोंबरावस्की एयरबेस से अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल एवनगार्ड का सफलतम परीक्षण कर पूरी दुनिया को दहशत में डाल दिया है। रूस का दावा है कि अगले वर्ष तैनाती के लिए तैयार इस मिसाइल का अमेरिका के पास कोई काट नहीं है। इस मिसाईल के परीक्षण के बाद चीन और अमेरिका की चिंता ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि रूस के पास पहले से ही हाइपरसोनिक मिसाइल मौजूद है।
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रूस नए तरह के रणनीतिक हथियार को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश है। रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का कहना है कि यह हमारे देश और लोगों की सुरक्षा की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करेगी। बता दें कि रूस के पास पहले से ही हवा से मार करने वाली किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल मौजूद है। यह दो हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तक निशाना साधने में सक्षम है। इस मिसाइल का नामकरण खुद राष्ट्रपति पुतिन ने किया है। इसकी तेज गति और सटीक निशाना इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
ये हैं एवनगार्ड की खासियतें
*एवनगार्ड एक बिल्‍कुल नए तरीके का हथियार है।
*इसकी रफ्तार 25 हज़ार किलोमीटर प्रतिघंटे है। इसकी स्‍पीड ही सही मायने में इसकी सबसे बड़ी ताकत भी है।
*यह मिसाइल रूस के किसी भी इलाके से छोड़ने के बाद कुछ ही वक्‍त में तय क्षेत्र पर कहर बरपा सकती है।
*एवनगार्ड एक उल्कापिंड की तरह हमला करती है।
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जहां तक एवनगार्ड की बात है तो इसको लेकर अमेरिका की चिंता वहां की रणनीतिक कमान के प्रमुख जनरल जॉन हेटेन के बयान में भी साफतौर पर दिखाई दे रही है। वह इस बारे में पहले ही कह चुके हैं कि इस मिसाइल का पता लगाने में अमेरिका के मौजूदा सेटेलाइट और रडार सक्षम नहीं हैं। लिहाजा इसके लिए अमेरिका को नए सिरे से तैयारी करनी होगी, जिसमें काफी वक्‍त और पैसा खर्च होगा।
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वहीं अमेरिकी एयरफोर्स का कहना है कि हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार करने में करीब 100 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। रूस के ताजा परिक्षण को देखते हुए अमेरिका ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत हाइपरसोनिक मिसाइल की डिजाइन और डिवेलपमेंट के लिए 92 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया है। यह मिसाइल आवाज से 5 गुना तेज रफ्तार से चलेगी।

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चीन के पास डीएफ-17
जहां तक चीन की बात है तो उसके पास हाइपर सोनिक बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-17 है जो अमेरिका तक मार कर सकती है। इसकी रेंज करीब 12,000 किलोमीटर तक है। यह महज एक घंटे में अमेरिका पहुंच सकती है। इस मिसाइल की खासियत है कि ये वायुमंडल में निचले स्तर पर उड़ती है और इस कारण इसे इंटरसेप्ट करना भी आसान नहीं होता है। यह मिसाइल अमेरिका की थाड सिस्टम को नाकाम करने की काबलियत रखती है। लेकिन यह मिसाइल रूस की एवनगार्ड का मुकाबला नहीं कर सकती है।
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भारत तैयार कर रहा है ब्रह्मोस 2
वहीं भारत ब्रह्मोस 2 को विकसित करने में लगा है जो एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल श्रृंखला की दूसरी क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस-2 की रेंज 290 किलोमीटर और मेक 7 की गति होगी। इसमें स्क्रैमजेट एयरब्रेस्टिंग जेट इंजन का प्रयोग किया जाएगा। 2020 में इसका परिक्षण किया जा सकता है।

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