Edited By Tanuja,Updated: 23 May, 2024 04:42 PM
यूक्रेन-रूस के बीच यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव पर रूस द्वारा अपना आक्रमण तेज करने के कारण कम से कम 10 विस्फोटों की...
इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन-रूस के बीच यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव पर रूस द्वारा अपना आक्रमण तेज करने के कारण कम से कम 10 विस्फोटों की सूचना मिली है। हमले में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि घातक हमले में कम से कम 6 लोग घायल हो गए और साथ ही परिवहन और नगरपालिका बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। रूसी सेना ने खार्किव क्षेत्र में ज़ोलोचिव और लिउबोटिन पर भी हमला किया, जिससे प्रत्येक शहर में कम से कम दो लोग घायल हो गए। इससे 2 दिन पहले रूस को इस क्षेत्र में दर्जनों टैंक और सैन्य वाहन ले जाते हुए देखा गया था।
इस बीच तातारस्तान के सबसे बड़े हवाई अड्डे और रूस के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक, कज़ान अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ने अज्ञात "सुरक्षा कारणों" से सभी हवाई यातायात को निलंबित करने की घोषणा की है। ऐसा माना जाता है कि निलंबन ड्रोन हमलों के खतरे के कारण हो सकता है।इससे पहले खबर थी कि रूसी सेना ने इस्कंदर और किंझल मिसाइलों के साथ टैक्टिकल न्यूक्लियर टेस्ट शुरू कर दिए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन यूक्रेन को को मिसाइल प्रक्षेपण स्थलों को लक्षित करने के लिए रूसी क्षेत्र में अमेरिकी आपूर्ति किए गए हथियारों को फायर करने की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने अब तक "तीसरा विश्व युद्ध शुरू होने" के डर से उसे ऐसा करने से प्रतिबंधित किया हुआ था । रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ये टेस्ट यूक्रेन के दक्षिणी सैन्य इलाके में हो रहे हैं। यह इलाका काफी बड़ा है। इसमें ठीक किस जगह टेस्ट किए जा रहे हैं यह रूस ने नहीं बताया है।
अलजजीरा के मुताबिक, रूस ने जंग के शुरुआती दिनों में इस इलाके पर कब्जा कर लिया था। इस टेस्टिंग में बेलारूस के भी शामिल होने की उम्मीद है। पिछले साल रूस ने ऐलान किया था कि वे बेलारूस में टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन तैनात करेगा।रूस इस टेस्ट से पश्चिमी देशों की धमकियों का जवाब देने की कोशिश कर रहा है। पिछले महीने ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी सेना को परमाणु हथियारों की ड्रिल करने का आदेश दिया था। इसमें उन्होंने नेवी और यूक्रेनी सीमा के पास तैनात सैनिकों को भी शामिल होने को कहा था। उधर, दुनिया का पहला नौसैनिक ड्रोन यूक्रेन ने विकसित कर लिया है। इस छोटे से ड्रोन में दो एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें लगती हैं।
इस मानवरहित नौसैनिक ड्रोन का नाम 'सी बेबी' (Sea Baby) है। अब इन ड्रोन्स की मदद से यूक्रेन काला सागर में रूस के युद्धपोतों, विमानों, हेलिकॉप्टरों और फाइटर जेट्स को निशाना बना रहा है। इससे पहले इन ड्रोन्स में मिसाइल नहीं लगे थे. ये विस्फोटक लेकर जाते थे और युद्धपोत से टकरा जाते थे. ऐसे ही एक ड्रोन ने रूस के जंगी जहाज मोस्कोवा को सेवास्तोपोल पोर्ट के पास डुबोया था. उसके बाद इनको निशाना बनाने के लिए रूस ने हेलिकॉप्टरों और फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया।