Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 11:53 AM
सऊदी अरब ने कतर को लेकर अपने रूख में नर्मी बरतने से इंकार करते हुए कहा कि उसकी मांगों पर बातचीत नहीं हो सकती । सऊदी अरब ने यह बयान तब दिया जब अमरीकी विदेश मंत्री...
वाशिंगटन: सऊदी अरब ने कतर को लेकर अपने रूख में नर्मी बरतने से इंकार करते हुए कहा कि उसकी मांगों पर बातचीत नहीं हो सकती । सऊदी अरब ने यह बयान तब दिया जब अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने खाड़ी देशों के संकट पर कतर के विदेश मंत्री से बातचीत की।
व्यापारिक और कूटनीतिक प्रतिबंध झेल रहा कतर
सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल-जुबेर भी कल वाशिंगटन में थे और विवाद सुलझाने के लिए अमरीका तथा कुवैत के राजनयिकों के प्रयासों के बीच वह अपने रूख पर कायम रहे। अमरीका का सहयोगी देश कतर अपने खाड़ी अरब पड़ोसी देशों द्वारा लगाए गए व्यापारिक और कूटनीतिक प्रतिबंध झेल रहा है।
कतर को लेकर हमारी मांगों पर कोई समझौता नहीं
जुबेर ने ट्विटर पर कहा,कतर को लेकर हमारी मांगों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।अब यह कतर पर निर्भर करता है कि वह चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों को अपना समर्थन देना बंद करें। सऊदी अरब ने अल-जजीरा को बंद करने, ईरान के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा घटाने और अमीरात में तुर्की का सैन्य अड्डा बंद करने समेत कतर के लिए 13 मांगों की सूची रखी है। अमरीका ने कहा है कि कुछ मांगें स्वीकार करना कतर के लिए मुश्किल होगा। उसने सऊदी अरब से कहा कि वह उचित और कार्रवाई योग्य समस्याओं की सूची रखें। जुबेर की टिप्पणी के कुछ देर बाद टिलरसन ने कतर के शीर्ष राजनयिक शेख मोहम्मद बिन अू्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की।
सऊदी अरब की मांगें कतर के लिए चुनौतीपूर्ण
विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि बातचीत सप्ताह भर चलेगी लेकिन उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की मांगें अब भी कतर के लिए चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा, इनमें से कुछ मांगें लागू करना कतर के लिए मुश्किल होगा। हम उन देशों से मिलकर काम करने और इसे सुलझाने की अपील करते रहेंगे। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने 5 जून को घोषणा की थी कि वे कतर के साथ सभी संबंध रद्द कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कतर चरमपंथी संगठनों का समर्थन कर रहा है। हालांकि कतर ने इन आरोपों को खारिज किया है।