Shocking: छींक रोकने से जा सकती जान ! शख्स की फट गई श्वास नली, डाक्टर भी हैरान

Edited By Tanuja,Updated: 16 Dec, 2023 01:05 PM

shocking man tears windpipe from holding sneeze

छींक आना आम बात है। छींक आने के कई कारण हो सकते हैं  जैसे सर्दी-जुकाम, एलर्जी या फिर  कभी-कभी आम दिनों में भी छींक आ जाती...

इंटरनेशनल डेस्कः छींक आना आम बात है। छींक आने के कई कारण हो सकते हैं  जैसे सर्दी-जुकाम, एलर्जी या फिर  कभी-कभी आम दिनों में भी छींक आ जाती है।  कई लोग   बार-बार छींकने से परेशान ही रहते हैं इसलिए कई बार  छींक को रोक लेते हैं।  लेकिन छींक रोकना कितना घातक  हो सकता है, इसका एक ताजा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। छींक आने पर  अगर आपने नाक और मुंह बंद करके इसे दबा दिया, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक व्‍यक्ति ने छींक रोकनी चाही, तो उसकी सांस की नली फट गई।  साल 2018 में ब्रिटेन में हुई यह दुर्लभ घटना को हाल ही में BMJ केस रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है।

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BMJ केस स्‍टडी की रिपोर्ट में बताया गया कि शख्स कार चला रहा था, तभी उसे बुखार आ गया। जब उसे छींक आनी शुरू हुई, तो उसने छींकने के बजाय उसे रोक दिया उसे अचानक छींकने की तेज इच्‍छा महसूस हुई, लेकिन उसने छींकने के बजाय, अपनी नाक और अपना मुंह बंद करके इसे दबा दिया।  छींक का दबाव इतना ज्‍यादा तेज था कि उसकी सांस की नली में 0.08 इंच बाय 0.08 इंच का छेद हो गया।   डॉक्टरों के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला ज्ञात मामला है। इससे उसकी जान तक जा सकती थी। डॉक्टर तब हैरान रह गए जब उन्होंने पाया कि इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बाद उसे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हो रही थी। वह आराम से बात कर पा रहा था और उसे खाना निगलने में भी कोई परेशानी नहीं हुई। हालांकि उसकी गर्दन दोनों ओर से सूज गई थी और आवाज में कर्कश पन था।



शख्‍स का तुरंत एक्सरे किया गया। गर्दन के एक्स-रे से पता चला कि छींक के कारण हवा त्वचा के सबसे गहरे टिश्‍यू के नीचे फंस गई थी। उसका कंप्यूटेड टोमोग्राफी या सीटी स्कैन कराया गया और पता चला कि उसके तीसरी और चौथी हड्डियों के बीच की मांसपेशियां फट गई हैं। उसके फेफड़ों के बीच छाती में हवा जमा हो गई थी।रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसे बेहद दर्द हो रहा था। गर्दन दोनों तरफ से सूज गई थी। हिलने-ढुलने में उसे बहुत परेशानी हो रही थी। डॉक्‍टर के जांच करने पर उन्‍हें खट-खट की आवाज सुनाई दी। हालांकि शख्‍स को सांस लेने, निगलने और बात करने में कोई तकलीफ नहीं हो रही थी, लेकिन उसका अपने गले की गति पर नियंत्रण खो चुका था। उसका इलाज पेन किलर से किया गया। उसे पूरी तरह ठीक होने में 5 दिन लगे।

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डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले को दूसरों के लिए चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। जर्नल BMJ केस रिपोर्ट्स में लिखा, हर किसी को सलाह दी जानी चाहिए कि मुंह बंद रखते हुए नाक को बंद करके छींक को न रोकें क्योंकि इससे श्वासनली (श्वसन नली) में छेद हो सकता है और गंभीर स्थिति में जान भी जा सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, किसी की श्वास नली को चोट लगना बेहद दुर्लभ है लेकिन असंभव नहीं है। हालांकि यह इस तरह का पहला ज्ञात मामला है। यह आम तौर पर शरीर पर चोट लगने या सर्जरी के दौरान लापरवाही से आ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर इस तरह की चोट को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, जो चीरे के स्थान टांके लगाने से ठीक होता है लेकिन, उस शख्स को सर्जरी की जरूरत नहीं हुई।

 

डाक्टरों  के अनुसार छींक आना एक सामान्‍य और जैविक प्रक्रिया है। छींकने पर बहुत ज्‍यादा दबाव पैदा होता है।  जब आप छींक को रोकते हैं, तो पैदा होने वाला दबाव छींक से पैदा हुए दबाव से लगभग 20 गुना ज्‍यादा होता है। छींक आना एक सामान्‍य और जैविक प्रक्रिया है। छींकने पर बहुत ज्‍यादा दबाव पैदा होता है। छींक को खांसी और सर्दी का एक संक्रामक भी लक्षण माना गया है। जब आप छींक को रोकते हैं, तो पैदा होने वाला दबाव छींक से पैदा हुए दबाव से लगभग 20 गुना ज्‍यादा होता है।

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