Edited By Tanuja,Updated: 03 Jul, 2022 02:48 PM
दुनिया पर राज करने की महत्वकांशा को पूरा करने के लिए चीन हर हथकंडा अपना रहा है। इसी के चलते चीन जल-थल क्षेत्रों पर कब्जे व अपने..
इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया पर राज करने की महत्वकांशा को पूरा करने के लिए चीन हर हथकंडा अपना रहा है। इसी के चलते चीन जल-थल क्षेत्रों पर कब्जे व अपने पड़ोसी व कमजोर देशों को दबाने के लिए आक्रामक व विस्तारवादी नीतियों पर जोर दे रहा। ताइवान को लेकर भी चीन के तेवर काफी आक्रामक रहे हैं । लेकिन अमेरिका का समर्थन मिलने के बाद त चीन चिढ़ा बैठा है और बार-बार ताइवान को धमका रहा है। हालांकि, अमेरिका ड्रैगन की इस चाल को समझ चुका है और उसने चीन को लेकर अपनी विदेश नीतियों में भी बदलाव किया है।
इस बीच अमेरिका के शीर्ष अमेरिकी जनरल का दावा है कि ताइवान को लेकर चीन के इरादे बेहद खतरनाक नजर आ रहे हैं लेकिन अमेरिका बहुत करीब से स्थिति पर पैनी नजर टिकाए हुए है। जनरल मार्क मिले ने बताया कि चीन स्पष्ट रूप से किसी बिंदु पर हमला करने की क्षमता विकसित कर रहा है, लेकिन ऐसा करने का निर्णय एक राजनीतिक विकल्प होगा। चीन का कहना है कि ताइवान एक अलग प्रांत है जिसे आवश्यकता पड़ने पर बल द्वारा मुख्य भूमि के साथ फिर से एकीकृत किया जाना चाहिए।
इसने अमेरिका पर ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करने का आरोप लगाया है, और इस तरह के किसी भी प्रयास को "दृढ़ता से कुचलने" की कसम खाई है। ताइवान के सबसे शक्तिशाली सहयोगी अमेरिका और चीन के बीच हाल ही में इसी मसले पर तचनाव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चीन ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में कई युद्धक विमान भेजता रहा है, जबकि अमेरिका ने ताइवान के जल क्षेत्र में नौसैनिक जहाज भेजे हैं। मई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि ताइवान के करीब अपने युद्धक विमानों को उड़ाकर चीन "खतरे से खेल" रहा है। उन्होंने इस द्वीप पर हमला होने पर सैन्य रूप से रक्षा करने की कसम खाई थी।
बीजिंग ने अमेरिका पर "ताइवान पर अपने वादे का उल्लंघन करने" और चीन के मामलों में "हस्तक्षेप" करने का आरोप लगाते हुए जवाब दिया कि ताइवान को औपचारिक रूप से स्वतंत्रता की घोषणा करने से रोकने के लिए वह जंग से परहेज नहीं करेगा । इसके जवाब में बाइडेन ने कहा था चीन के ताइवान पर हमला तो अमेरिकी सैनिक मदद के जरिए ताइवान की रक्षा करेगा।