Edited By Tanuja,Updated: 04 Jul, 2018 05:29 PM
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पेयजल संकट दूर करने का एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। यहां की एक कंपनी ने साल 2020 तक 12 हजार किमी दूर स्थित अंटार्कटिका से विशालकाय आइसबर्ग खींचकर देश के तटीय क्षेत्र तक लाने की योजना बनाई है। कंपनी इस योजना पर लगभग...
यूएईः संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पेयजल संकट दूर करने का एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। यहां की एक कंपनी ने साल 2020 तक 12 हजार किमी दूर स्थित अंटार्कटिका से विशालकाय आइसबर्ग खींचकर देश के तटीय क्षेत्र तक लाने की योजना बनाई है। कंपनी इस योजना पर लगभग साढ़े तीन अरब रुपए (पांच करोड़ डॉलर) खर्च करेगी। कंपनी का दावा है कि औसतन एक बड़े आइसबर्ग में 20 अरब गैलन पानी होता है। यह पानी पांच साल तक 10 लाख लोगों की प्यास बुझा सकता है। गल्फ न्यूज ने नेशनल एडवाइजर ब्यूरो लिमिटेड के हवाले से कहा है कि पांच करोड़ डॉलर के ‘यूएई आइसबर्ग प्रोजेक्ट’ के तहत यूएई के तट पर विशालकाय आइसबर्ग की मौजूदगी से शुष्क भूमि पर अधिक बारिश की संभावना बनेगी।
कंपनी के मुताबिक,आइसबर्ग से जलवायु में आश्चर्यजनक परिवर्तन की संभावना रहती है और यह अरब सागर के ऊपर बादलों को आकर्षित करेगा। इससे एक भंवर पैदा होगा जो बारिश कराएगा। कंपनी ने कहा कि इससे क्षेत्र में स्वच्छ जल उपलब्ध कराने में भी सहायता मिलेगी और यूएई दुनिया को जलापूर्ति करने वाला केंद्र बन जाएगा। दक्षिणी ध्रुव स्थित हर्ड आइसलैंड से आइसबर्ग को कई जहाज खींचकर 12 हजार किमी दूर फुजेराह के तट पर ले जाएंगे। इस परियोजना की पूरी जानकारी दिसंबर तक जारी की जाएगी।
कंपनी एक ऐसी खास तकनीक विकसित कर रही है जिससे इस परियोजना की लागत में कमी आएगी, पूरी यात्रा के दौरान बर्फ कम पिघलेगी और ग्राहकों को कम कीमत में पानी उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनी ने इस तकनीक के पेटेंट के लिए ब्रिटेन में आवेदन कर दिया है। इसके लिए कंपनी एक समिति गठित कर रही है जिसमें अंटार्कटिका, आइसबर्ग और समुद्र विज्ञान की दुनिया में महारत रखने वाले वैज्ञानिकों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही जल अनुसंधान केंद्रों और दुनिया भर के विश्वविद्यालयों से भी सहयोग मांगा जाएगा।