अमेरिकी सीनेट ने चीन के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए उठाया कड़ा कदम, भड़क गया ड्रैगन

Edited By Tanuja,Updated: 10 Jun, 2021 09:58 AM

us senate passes key bill to combat china s growing economic influence

अमेरिकी सीनेट ने चीन के बढ़ते आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए एक दुर्लभ द्विदलीय विधेयक पारित किया जिसके तहत विज्ञान और ...

वाशिंगटन/बीजिंगः अमेरिकी सीनेट ने चीन के बढ़ते आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए एक दुर्लभ द्विदलीय विधेयक पारित किया जिसके तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश किया जाएगा। चीन विरोधी यह विधेयक मंगलवार को 32 के मुकाबले 68 मतों से पारित हो गया। सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर इसे एक बड़ी राजनीतिक जीत मानते हैं जिन्होंने इसे शीर्ष प्राथमिकता बना रखा था। इस बीच अमेरिका के इस कड़े व गंभीर कदम से ड्रैगन भड़क गया है । चीन  ने इस विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताते कहा कि यह उसके विकास को रोकने तथा उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का प्रयास है।

 

अमेरिकी इनोवेशन और प्रतियोगिता कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा की मजबूती और आर्थिक प्रतिस्पर्धा के लिए विज्ञान और नई टैक्नोलॉजी में अमेरिकी नेतृत्व को सुदृढ़ करने के वास्ते करदाताओं के पैसे से 100 अरब डॉलर से अधिक के निवेश की बात कही गई है। शूमर ने सदन में कहा कि इस अमेरिकी नवाचार एवं प्रतिस्पर्धा कानून  का परित होना अमेरिकी नेतृत्व की एक और सदी के लिए आधारशिला रखने के समान है।  यह विधेयक 21वीं सदी में अमेरिकी नेतृत्व के लिए एक निर्णायक मोड़ है।'' चीन के आर्थिक प्रभाव से निपटने पर केंद्रित इस विधेयक के बारे में सीनेटर चक ग्रासली ने कहा कि चीन की सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी ने उचित या अनुचित तरीके से वैश्विक आर्थिक प्रभुत्व की अपनी इच्छा को पूरा करने की कोशिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है और उससे मुकाबले के लिए विधेयक अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

इस बीच, चीन ने बुधवार को अमेरिका के विधेयक की निन्दा की और कहा कि यह चीन की घरेलू राजनीति पर परोक्ष हमला तथा इसके विकास को रोकने पर केंद्रित है। चीन की विदेश मामलों की समिति ने एक बयान जारी कर इस  विधेयक पर ‘‘कड़ी आपत्ति और कड़ा विरोध व्यक्त किया।'' बीजिंग ने बयान में कहा, ‘‘अमेरिका के आधिपत्य को बनाए रखने के उद्देश्य से इस विधेयक में मानवाधिकार के बहाने चीन से तथाकथित खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है जिससे कि चीन की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप किया जा सके और चीन को विकास के वैध अधिकार से वंचित किया जा सके।''

 

 चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधेयक में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है जो चीन के विकास पथ को बाधित करने और उसकी घरेलू तथा विदेश नीति में हस्तक्षेप का प्रयास है। वांग ने कहा, ‘‘यह स्वयं में अमेरिका का अपना मामला है कि वह किस तरह विकास करे और किस तरह अपनी प्रतिस्पर्धा को मजबूत करे। लेकिन हम अमेरिका द्वारा चीन को मुद्दा बनाए जाने और उसके साथ काल्पनिक दुश्मन की तरह व्यवहार किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं।''

 

अमेरिकी विधेयक में कोविड-19 को लेकर भी चीन का जिक्र किया गया है जहां वुहान शहर में महामारी का सबसे पहला मामला सामने आया था। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अमेरिका चीन को कठघरे में खड़ा करता रहा है, लेकिन चीन महामारी और वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान के बीच कोई संबंध होने के आरोपों को खारिज करता रहा है। विधेयक अमेरिकी सीनेट में पारित हो गया है और राष्ट्रपति जो बाइडन के पास मंजूरी के लिए भेजे जाने से पहले इसे प्रतिनिधि सभा में भी पारित करने की आवश्यकता होगी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला प्रशासन चीन को लेकर काफी सख्त था और नए राष्ट्रपति बाइडन ने भी चीन के प्रति अमेरिका के रुख में कोई ढिलाई नहीं आने दी है

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