जम्मू-कश्मीर को 2012-17 के दौरान बिजली खरीद बिक्री में हुआ 14,871 करोड़ रुपये का घाटा: कैग

Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Sep, 2020 03:42 PM

j k reported a loss of rs 14 871 crore in electricity purchase

जम्मू-कश्मीर बिजली विकास निगम (जेकेपीडीडी) के कामकाज में खामियों की वजह से जम्मू-कश्मीर को 2012-13 से 2016-17 के दौरान बिजली खरीद और बिजली की राजस्व वसूली में कमियों से कुल मिला कर 14,871 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा है।

जम्मू: जम्मू-कश्मीर बिजली विकास निगम (जेकेपीडीडी) के कामकाज में खामियों की वजह से जम्मू-कश्मीर को 2012-13 से 2016-17 के दौरान बिजली खरीद और बिजली की राजस्व वसूली में कमियों से कुल मिला कर 14,871 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के 2012-13 से 2016-17 के दौरान बिजली खरीद समझौतों तथा राजस्व संग्रह के प्रदर्शन ऑडिट से यह खुलासा हुआ है।

कैग की 31 मार्च, 2017 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए सामाजिक, साधारण, आर्थिक (गैर-पीएसयू) क्षेत्र पर रिपोर्ट में बिजली खरीद योजना, बिजली खरीद करारों पर दस्तखत और उन्हें परिचालन में लाने तथा राजस्व संग्रह के मोर्चे पर कई तरह की खामियों का खुलासा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2012-17 के दौरान जम्मू-कश्मीर का बिजली खरीद फरोखत के काम पर नुकसान 14,871 करोड़ रुपये रहा। इस अवधि में बिजली खरीद पर 24,299 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि बिजली की बिक्री पर राजस्व प्राप्ति 9,428 करोड़ रुपये रही।

संसद में इसी सप्ताह पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग (पीडीडी) बिजली की जरूरत को पूरा करने में विफल रहा। इस दौरान जम्मू-कश्मीर की 73 से 76 प्रतिशत बिजली की मांग केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों के जरिये पूरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेकेपीडीडी को योजना में खामी तथा बिजली खरीद लागत को महत्तम नहीं किए जाने की वजह से 2012-17 के दौरान बिजली खरीद पर 840 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़े।

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