Edited By ,Updated: 17 May, 2017 12:27 PM
कश्मीर में जारी अशांति के चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जम्मू में पहली बार जुलाई में अपनी वार्षिक समीक्षा बैठक का आयोजन करेगा। इस खास बैठक का उद्देश्य अलगाववादियों को बताना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
कश्मीर : कश्मीर में जारी अशांति के चलते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जम्मू में पहली बार जुलाई में अपनी वार्षिक समीक्षा बैठक का आयोजन करेगा। इस खास बैठक का उद्देश्य अलगाववादियों को बताना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। सूत्रों के मुताबिक 18 से 20 जुलाई के बीच होने वाली इस बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और विश्व हिंदू परिषद के नेता मौजूद होंगे। बैठक का समय फिलहाल तय नहीं किया गया है। इस बैठक में पथराव और सीआरपीएफ जवानों पर हमले की घटनाओं पर चर्चा हो सकती है।
वैद्य ने जानकारी देते हुए कहा कि बीते साल की गतिविधियों और घटनाओं का जायजा लेने के लिए इस बैठक का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि बैठक में ग्रीष्म प्रशिक्षण शिविरों की समीक्षा भी की जाएगी। प्रचार प्रमुख ने बताया कि जम्मू में हमारा छोटा सा कार्यालय था, लेकिन अब इसका विस्तार हो गया है जिस वजह से इस खास बैठक के आयोजन की पेशकश की गई है।