Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 10:26 AM
छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निपटान फोरम ने एक निजी अस्पताल को ‘चिकित्सकीय लापरवाही’ का दोषी पाया है। फोरम ने अस्पताल को मृतक के रिश्तेदारों को 7.14 लाख रुपए मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है।
रायगढ़: छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निपटान फोरम ने एक निजी अस्पताल को ‘चिकित्सकीय लापरवाही’ का दोषी पाया है। फोरम ने अस्पताल को मृतक के रिश्तेदारों को 7.14 लाख रुपए मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
पेशे से वकील चंद्रकात साहू की यहां स्थित फोॢटस ओ.पी. जिंदल अस्पताल एंड रिसर्च सैंटर में 19 जुलाई को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। उसके पिता रोहित कुमार साहू ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया था। उसने बताया कि साहू किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित था और उसकी इस अस्पताल में सप्ताह में 3 बार डायलिसिस हुई।
18 जुलाई को डायलिसिस के दौरान उसकी स्थिति खराब हो गई। जब उसके रिश्तेदारों ने डायलिसिस ऑप्रेटर को वरिष्ठ चिकित्सकों को बुलाने के लिए कहा तो उसने कथित रूप से मना कर दिया और कहा कि वह तय समय पर ही आते हैं। बाद में साहू की मृत्यु हो गई। साहू के पिता ने 19 लाख रुपए मुआवजे की मांग करते हुए जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया था।
यह कहा फोरम ने
फोरम के अध्यक्ष एम.डी. जगदला ने बताया कि अस्पताल के वकील किशोर थवैत ने सुनवाई के दौरान कहा कि इलाज में मानक प्रक्रिया का पालन किया गया और उसमें कोई लापरवाही नहीं हुई। उपभोक्ता फोरम ने इसे लापरवाही करार देते हुए अस्पताल को 7.14 लाख रुपए का भुगतान पीड़ित परिवार को करने के लिए कहा जिसमें मानसिक पीड़ा के लिए 1 लाख रुपए भी शामिल हैं।