चिंतपूर्णी में भी वैष्णो देवी जैसी सुविधाएं जल्द उपलब्ध हों

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 01:37 AM

facilities like vaishno devi available soon in chintapurni

हमें अपने पाठकों के पत्र मिलते रहते हैं। इनमें से कुछ पत्रों में समाजोपयोगी सुझाव होते हैं जिन्हें हम इन कालमों में प्रकाशित भी करते हैं। ऐसा ही एक पत्र हिमाचल प्रदेश में मां चिंतपूर्णी तीर्थ के एक भक्त ने मुझे वैष्णो देवी और चिंतपूर्णी तीर्थों के...

हमें अपने पाठकों के पत्र मिलते रहते हैं। इनमें से कुछ पत्रों में समाजोपयोगी सुझाव होते हैं जिन्हें हम इन कालमों में प्रकाशित भी करते हैं। ऐसा ही एक पत्र हिमाचल प्रदेश में मां चिंतपूर्णी तीर्थ के एक भक्त ने मुझे वैष्णो देवी और चिंतपूर्णी तीर्थों के संबंध में लिखा है जिसे मैं चिंतपूर्णी मंदिर न्यास बोर्ड के ध्यानार्थ यहां प्रस्तुत कर रहा हूं : ‘‘इस बार मुझे 10 वर्षों बाद वैष्णो देवी माता के दर्शनों को जाने का मौका मिला। इस दौरान माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए जो प्रबंध कर दिए हैं, उन्हें देख कर सुखद प्रसन्नता हुई। 

1986 में जब उक्त श्राइन बोर्ड का गठन हुआ तब इसका विरोध भी हुआ था। श्राइन बोर्ड बनने से पहले कटड़ा से भवन तक जाने वाला रास्ता ऊबड़-खाबड़, पीने के पानी और शौचालयों का कोई उचित प्रबंध नहीं हुआ करता था। अब बाण गंगा से लेकर भवन तक पूरा मार्ग 7 से 9 मीटर तक चौड़ा कर दिया गया है तथा 12 किलोमीटर के पूरे मार्ग में गहरी खड्डों वाली साइड पर लोहे की ग्रिल लगा दी गई है। ग्रिल लगाने से अब खड्डों में कूड़ा-कर्कट फैंकने का सिलसिला बंद हो जाने से पर्यावरण की भी सुरक्षा हुई है तथा घोड़े पर भी आते-जाते यात्री घबराहट महसूस नहीं करते। यात्रा मार्ग पर बोर्ड प्रशासन द्वारा दुकानें खोली गई हैं जिनमें न लाभ न हानि के आधार पर श्रद्धालुओं को भोजन, शीतल पेय व अन्य चीजें उपलब्ध करवाई जाती हैं, समूचे यात्रा मार्ग में चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की गई है। 

मार्ग में जगह-जगह रोशनी का प्रबंध, साफ-सुथरे शौचालय, विश्राम की व्यवस्था व सफाई इतनी अच्छी है जिसे देख कर यह नहीं कह सकते कि इस मार्ग से सैंकड़ों यात्रियों का पैदल या घोड़ों पर आवागमन हुआ होगा। बाण गंगा से भवन तक जाते समय ऐसा लगता है जैसे माल रोड पर जा रहे हों। समूचे मार्ग में म्यूजिक सिस्टम लगे हैं जो भवन में हो रही आरती, भेंटों, भजनों आदि का प्रसारण करते रहते हैं। इससे तीर्थ यात्री थकान महसूस नहीं करते तथा उनकी आध्यात्मिक भूख भी शांत होती है। वरिष्ठï नागरिकों की सुविधा के लिए ‘सांझी छत’ पर हैलीपैड का निर्माण भी कर दिया गया है। रेल गाडिय़ों के कटड़ा तक आने से वर्ष भर में देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की संख्या 1 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाती है तथा श्राइन बोर्ड पदाधिकारियों का कार्य प्रशंसनीय है। 

अत: चिंतपूर्णी न्यास बोर्ड, हिमाचल सरकार को भी श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का अनुसरण करके तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिएं। 
भरवाईं से चिंतपूर्णी बस स्टैंड तक और बस स्टैंड से दरबार तक तलवाड़ा रोड बाईपास जिसे ‘भाई मती दास रोड’ भी कहते हैं, चौड़े किए जाएं। भरवाईं से समनोली बाईपास और धलवाड़ी-अमलैहड़ बाईपास ऐसे मार्ग हैं जो भवन तक यात्रियों के पहुंचने में सहायक होंगे। इन स्थानों का कुछ समय पहले सर्वे भी हुआ था परंतु कार्य पर अमल नहीं हो पाया। यात्रा मार्ग में भटकने वाले आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाओं का भय रहता है।

चिंतपूर्णी में 55 करोड़ रुपए की लागत से बनी कार पार्किंग बंद पड़ी है। मंदिर में लगी लिफ्ट का अपंग, बुजुर्गों, बीमारों को लाभ नहीं मिलता। लिफ्ट द्वारा दर्शन करने हेतु पास बस स्टैंड के निकट मिलने का प्रबंध होना चाहिए। श्रद्धालुओं के लिए पीने के पानी की अलग डाली गई पाइप में लगे 34 नल लगभग बंद हैं। मंदिर न्यास की स्ट्रीट लाइटें अक्सर खराब ही रहती हैं। स्वच्छ पेयजल तथा शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए। मुंडन संस्कार के बाद बच्चों को नहलाने के लिए बाहर से गर्म पानी खरीदना पड़ता है। भिखारियों की समस्या है।

चिंतपूर्णी अस्पताल में डाक्टरों का अभाव रहता है। मंदिर के आसपास कई जगह संगमरमर उखड़ा हुआ है। गगरेट से चामुंडा देवी मंदिर तक जगह-जगह पुलिस नाकों पर श्रद्धालुओं की लूट को रोका जाए। चिंतपूर्णी धाम देश के अग्रणी धर्मस्थलों में से एक है। यहां हर संक्रांति पर बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। अत: यदि चिंतपूर्णी न्यास बोर्ड और हिमाचल सरकार उक्त सुझावों पर ध्यान देकर ये त्रुटियां दूर करवा दें तो न सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधा हो जाएगी बल्कि प्रदेश में र्धािमक पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आय और सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। अत: चिंतपूर्णी न्यास बोर्ड और अब हिमाचल में नई आने वाली सरकार इस ओर ध्यान देकर इन सभी त्रुटियों का निपटारा करने का उचित प्रबंध करे।—विजय कुमार   

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