Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 07:58 PM
दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को फिल्म जगत में अपने करियर को बलि देकर 17 साल पहले गृहिणी की भूमिका स्वीकार करने वाली अपनी पत्नी को प्रति माह 2.7 लाख रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। अदालत ने फिल्म उद्योग की अनिश्चित हालत और महिला को दोबारा...
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को फिल्म जगत में अपने करियर को बलि देकर 17 साल पहले गृहिणी की भूमिका स्वीकार करने वाली अपनी पत्नी को प्रति माह 2.7 लाख रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। अदालत ने फिल्म उद्योग की अनिश्चित हालत और महिला को दोबारा वहां अपने कदम जमाने में होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए के कुहारा ने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में गुजारा भत्ता की मांग से जुड़ी महिला की याचिका मंजूर करते हुए यह राशि 1.7 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.7 लाख रुपए प्रति माह कर दी।
अदालत ने हाल में दिए गए अपने फैसले में इस बात का संज्ञान किया कि महिला एक फिल्म निर्माता थी और उसने अमरीका में पढ़ाई की थी तथा माना कि पेशे से 17 साल दूर रहने के बाद अब दोबारा करियर बनाना उसके लिए आसान नहीं होगा। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शादी टूटने के बाद उसकी जिस तरह की मानसिक दशा होगी, उसे देखते हुए उसके लिए फिल्म उद्योग में दोबारा कदम जमाना आसान नहीं होगा।’’