Edited By PTI News Agency,Updated: 28 Jul, 2021 10:51 PM
मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) सरकार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को प्रोत्साहित करने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। यह बात एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक...
मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) सरकार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को प्रोत्साहित करने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। यह बात एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी) के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अभिजीत सेनगुप्ता ने कही।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिये कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये पिछले साल शुरू की गयी आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) सही दिशा में उठाया गया कदम है।
इस योजना के तहत एमएसएमई को बिना किसी गारंटी के कर्ज दिया जाता है।
मुंबई स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर द्वारा वर्ल्ड ट्रेड डे, 2021 विषय पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में सेनगुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसे समय जब अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा नहीं है, सरकार को बैंकों और एनबीएफसी को छोटे उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज देने के लिए जोखिम से बाहर निकलने हेतु तैयार करने को लेकर और कदम उठाने होंगे।’’
उन्होंने कहा कि एमएसएमई को कर्ज देने के मामले में एक समस्या जांच-पड़ताल से जुड़ी है।
सेनगुप्ता ने कहा कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों में, डिजिटलीकरण के मामले में काफी प्रगति हुई है और इसका उपयोग बैंकों के लिए एमएसएमई की निगरानी को आसान बनाने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इससे बैंकों के लिये एमएसएमई के बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल करने और कर्ज वितरण में आसानी होगी।
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