Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Feb, 2021 11:52 AM
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों काफी एकेटिव हो गए हैं। दरअसल 26 जनवरी हिंसा के बाद भावुक हुए टिकैत के आंसुओं ने किसान आंदोलन की पूरी हवा ही बदल कर रख दी है। टिकैत के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग गाजीपुर...
नेशनल डेस्क: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Farmers Leader Rakesh Tikait) इन दिनों काफी एकेटिव हो गए हैं। दरअसल 26 जनवरी हिंसा के बाद भावुक हुए टिकैत के आंसुओं ने किसान आंदोलन की पूरी हवा ही बदल कर रख दी है। टिकैत के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद हैं। गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का नया केंद्र बना हुआ हैं। टिकैत ने सरकार को साफ तौर पर कह दिया है कि किसानों की घर वापसी तब ही होगी जब तीनों कानून को केंद्र सरकार रद्द करेंगी। वहीं टिकैत ने एक हिंदी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए सरकार उनके पिता महेंद्र टिकैत के फॉर्मूले को लागू करे।
क्या है टिकैत फॉर्मूला
भाकियू नेता ने बताया कि टिकैत फॉर्मूला के आधार पर 3 क्विंटल गेहूं की कीमत 1 तोले सोने के बराबर होनी चाहिए। यानि कि अभी 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 48 हजार रुपए है जबकि गेहूं का MSP 1975 रुपए प्रति क्विंटल है। टिकैत ने कहा कि 1967 में भारत सरकार ने गेहूं की MSP 76 रुपए प्रति क्विंटल तय की थी, उस समय प्राइमरी स्कूल के टीचरों की सैलरी 70 रुपए महीने थी। वह एक महीने की सैलरी से 1 क्विंटल गेहूं नहीं खरीद सकते थे। 1 क्विंटल गेहूं की कीतम से ढाई हजार ईंट खरीद सकते थे। तब 30 रुपए की 1 हजार ईंट आती थीं।
टिकैत का कहना है कि उस समय सोने का भाव 200 रुपए प्रति तोला था, जो तीन क्विंटल गेहूं से खरीदा जा सकता था। राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार हमें तीन क्विंटल गेहूं के बदले 1 तोला सोना दे दे। टिकैत ने कहा कि अन्य चीजों की जितनी कीमत बढ़ रही है उतनी ही कीमत गेहूं की भी बढ़नी चाहिए।
तो इतनी होगी गेहूं की कीमत
अगर टिकैत फॉर्मूले की बात करें तो 1 क्विंटल गेहूं की कीमत करीब 16 हजार रुपए होगी, जोकि मौजूदा MSP से 8 गुना अधिक है। इस हिसाब से एक किलो गेहूं की कीमत करीब 160 रुपए होनी चाहिए।