कोविड-19 चुनौती: न्यायालय की 1021 पीठों ने पिछले 100 दिनों में 15 हजार से अधिक मामले सुने

Edited By Pardeep,Updated: 20 Aug, 2020 01:09 AM

1021 benches of court heard more than 15000 cases in last 100 days

उच्चतम न्यायालय ने पिछले 100 दिनों में 15,000 से अधिक मामलों की सुनवायी के लिए 1,021 पीठों का गठन किया जिसमें 50,475 अधिवक्ताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये दलील दी...

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पिछले 100 दिनों में 15,000 से अधिक मामलों की सुनवायी के लिए 1,021 पीठों का गठन किया जिसमें 50,475 अधिवक्ताओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये दलील दी या पेश हुए। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के चलते ‘‘अभूतपूर्व'' चुनौती का सामना किया है। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई। 

बयान में कहा गया है कि शीर्ष अदालत कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने से दो दिन पहले यानि 23 मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामलों की सुनवाई कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने 4,300 मामलों का फैसला किया है। इसने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि लगभग 125 ‘‘रजिस्ट्री कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए'' उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं की कमी सहित विभिन्न कारणों से कम संख्या में कर्मचारियों के साथ काम कर रही है। 

इसमें कहा गया है, ‘‘इसके (रजिस्ट्री अधिकारियों में कोविड-19 के मामले सामने आने) बावजूद भारत के उच्चतम न्यायालय ने इस पूरी अवधि के दौरान काम करना बंद नहीं किया। हालांकि कुछ तात्कालिक मुद्दों को प्राथमिकता दी गई। 16 मार्च, 2020 से आज तक एक दिन भी रजिस्ट्री बंद नहीं की गई है।'' 

इसमें कहा गया है, ‘‘कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ ही उच्चतम न्यायालय के कामकाज को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा।'' इसमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय की 1,021 पीठों के समक्ष पिछले 100 दिनों के दौरान 15,596 मामले आये जिसमें 587 मुख्य मामले और 434 पुनरीक्षा याचिकाएं शामिल थीं और लगभग 4,300 मामलों का निपटारा किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!