Edited By Pardeep,Updated: 18 Jul, 2019 10:42 PM
गुजरात में पिछले दो साल में पुलिस हिरासत में 130 से अधिक लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने विधानसभा में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन को बताया कि सरकार ने पिछले दो साल (30 अप्रैल 2019 तक)...
गांधीनगरः गुजरात में पिछले दो साल में पुलिस हिरासत में 130 से अधिक लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने विधानसभा में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन को बताया कि सरकार ने पिछले दो साल (30 अप्रैल 2019 तक) में पुलिस हिरासत में मारे गए लोगों के परिजन को 23.50 लाख रुपए मुआवजा दिया है।
राज्य में पुलिस हिरासत में मौत का मामला निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने प्रश्नकाल के दौरान उठाया था। मेवाणी ने यह भी जानना चाहा कि हिरासत में मौत के मामलों में जांच के बाद दोषी पाए गए अधिकारियों और कनिष्ठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। रूपाणी ने उत्तर दिया कि पिछले दो साल में हिरासत में 133 लोगों की मौत हुई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एक मामले में एक पुलिस निरीक्षक, एक हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। उत्तर के अनुसार अन्य मामलों में तीन हैड कॉन्स्टेबल पर जुर्माना लगाया गया और एक निरीक्षक, दो उप निरीक्षकों, पांच सहायक उप निरीक्षकों, तीन हेड कॉन्स्टेबलों और तीन कॉन्स्टेबलों के नाम आरोप पत्र में शामिल किए गए। उन्होंने बताया कि सरकार ने हिरासत में मौत के मामलों की जांच के बाद एक एएसआई की वेतन वृद्धि रोकी और ग्राम रक्षक दल के दो जवानों को बर्खास्त कर दिया।