Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Dec, 2018 01:12 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी पूर्व सांसद सज्जन कुमार की आत्मसमर्पण के लिए 30 दिनों का समय दिए जाने संबंधी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कुमार की याचिका खारिज यह कहते हुए खारिज कर दी
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी पूर्व सांसद सज्जन कुमार की आत्मसमर्पण के लिए 30 दिनों का समय दिए जाने संबंधी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कुमार की याचिका खारिज यह कहते हुए खारिज कर दी कि सज्जन को राहत देने का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है। सज्जन कुमार ने अपनी याचिका में समर्पण के लिए यह कहते हुए 31 जनवरी तक की मोहलत मांगी थी कि उसके तीन बच्चे और आठ नाती-पोते हैं तथा उनके लिए अपनी संपत्ति संबंधी मामले का निपटारा जरुरी है।
न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की खंडपीठ ने 17 दिसंबर को वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सुनवाई के बाद कुमार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी और उन्हें 31 दिसंबर तक न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
यह मामला दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की पालम कालोनी में राज नगर पार्ट-1 में 1984 में एक से दो नवंबर के बीच पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारे में आगजनी से जुड़ा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर, 1984 को हत्या किए जाने के बाद ये दंगे शुरू हुए थे।