Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 06:49 PM
होली का त्योहार देश में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। वहीं मध्य प्रदेश का एक गांव ऐसा भी है। जहां लगभग 125 सालों से होली नहीं मनाई गई है। यहां 125 सालों से होली मनाने पर प्रतिबंध है।
नेशनल डेस्क: होली का त्योहार देश में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। वहीं मध्य प्रदेश का एक गांव ऐसा भी है। जहां लगभग 125 सालों से होली नहीं मनाई गई है। मध्य प्रदेश के गांव डहुआ में 125 सालों से होली मनाने पर प्रतिबंध है।
बता दें कि होली के दिन गांव में दहशत का माहौल रहता है। गांव का बुजुर्ग हो या कोई नौजवान किसी को भी होली के दिन होली नहीं खेल सकते हैं। ऐसा इसलिए नहीं कि ये कोई अंधविश्वास के कारण हो रहा है। ऐसा इसलिए है कि इस गांव में सदियों पहले एक फैसला किया था। जो आज तक इस गांव को होली मनाने नहीं देता है। दरअसल, 125 साल पहले गांव के प्रधान की एक बावड़ी में डूबने से मौत हो गई थी, मौत के बाद प्रमुख लोगों ने दिवंगत प्रधान को श्रद्धांजलि देने के लिए दोबारा कभी होली ने खेलने का फैसला किया।
गांव के पंच भीवराव जी कहते हैं कि बुजुर्गों की सोच है कि होली माननी है तो पूरे गांव को एक साथ एक मत होकर निर्णय करना होगा। गांव में होली ना मनाने का फैसला एक धार्मिक आस्था जैसा हो चुका है। इसको बदलना इतना आसान नहीं है।
मध्य प्रदेश के डहुआ गांव की एक खास बात यह भी है कि यहां पर 90 साल के बुजुर्गों ने अभी तक होली में गुलाल उड़ते नहीं देखा है।गांव की युवा आबादी भी इस परंपरा का हिस्सा बन गई है। यहां के लोग बुजुर्गों का सम्मान करते हुए होली नहीं मनाते से कतराते हैं।