आधार पर SC का फैसला मोदी सरकार की बड़ी जीत: संबित पात्रा

Edited By Anil dev,Updated: 26 Sep, 2018 02:32 PM

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आधार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘‘गरीबोन्मुखी मोदी सरकार’’ की बड़ी जीत करार देते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। साथ ही पार्टी ने जोर दिया कि यह निजता का उल्लंघन नहीं करता है ।

नई दिल्ली: आधार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘‘गरीबोन्मुखी मोदी सरकार’’ की बड़ी जीत करार देते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। साथ ही पार्टी ने जोर दिया कि यह निजता का उल्लंघन नहीं करता है ।  कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस आदेश ने वास्तव में विपक्षी पार्टी का पर्दाफाश कर दिया है।

उच्चतम न्यायालय ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा 
 उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विचौलियों का पक्ष लिया जबकि मोदी सरकार ने आधार लाकर यह सुनिश्चित किया कि लोगों को सीधे लाभ प्राप्त हो । पात्रा ने कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ शीर्ष अदालत गई थी। अदालत ने स्पष्ट किया है कि आधार सुरक्षित है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हम इसमें मोदी सरकार की बड़ी जीत देखते हैं’’।  उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा और यह भी कहा कि यह निजता का उल्लंघन नहीं करता है । पात्रा ने कहा कि अदालत ने कहा कि आधार ने गरीबों का ताकत दी है । मोदी सरकार की तरह ही उच्चतम न्यायालय देश के गरीबों के साथ खड़ा है।  

आधार पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत 
 वहीं उच्चतम न्यायालय द्वारा आधार कार्ड योजना को संवैधानिक रूप से वैध करार दिए जाने के फैसले का बुधवार को याचिककर्ताओं एवं कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।  मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक तहसीन पूनावाला ने शीर्ष अदालत के इस कथन पर खुशी जताई कि बैंक खातों से आधार को जोडऩा अनिवार्य नहीं है और दूरसंचार सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं को अपना फोन नंबर आधार से जोडऩे के लिए नहीं कह सकते। न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा कि आधार को बैंक खातों एवं मोबाइल फोन नंबर से जोडऩा अनिवार्य नहीं है। उन्होंने आधार कानून की धारा 57 को निरस्त कर दिया। धारा 57 न सिर्फ भारत सरकार को बल्कि किसी भी कॉर्पोरेट या निजी व्यक्ति’ या निजी कंपनी को आधार मांगने की अनुमति देती थी। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने भी फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत इस नजरिए से करता हूं कि आधार अब एक जमीनी वास्तविकता है, लेकिन आधार में मौजूद खामियों से पूरी सक्रियता से निपटना चाहिए। 

क्या है फैसला
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया लेकिन उसने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया।     प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बहुमत के आधार पर दिए अपने फैसले में आधार को आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनाने के लिए अनिवार्य बताया। हालांकि अब आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी नहीं है और मोबाइल फोन का कनेक्शन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां लोगों से आधार नहीं मांग सकतीं।     

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