Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Dec, 2018 02:13 PM
संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरु हो रहा है। वहीं उससे पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो बिल अटके हैं वो पास होने चाहिएं
नई दिल्लीः संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरु हो रहा है। वहीं उससे पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो बिल अटके हैं वो पास होने चाहिएं और इसके लिए हम रात तक भी काम करने को तैयार हैं। मोदी ने सत्र के दौरान सभी विपक्षी दलों से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार जनहित से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया कॉन्फ्रेंस कर सत्र से पूर्व बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि मोदी ने पक्ष और विपक्ष को एक दूसरे का सहयोग करने तथा जनहित से जुड़े मुद्दों पर सभी पक्षों को मिलकर निर्णय करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनहित और राष्ट्रहित में शीतकालीन सत्र का उपयोग किया जाना चाहिए।
तोमर ने कहा कि विपक्ष नियम और प्रक्रियाओं के तहत जनहित से संबंधित मुद्दों को उठाए, सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दल किसानों की समस्याएं और वित्तीय स्थिति पर चर्चा कराना चाहते हैं। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जो निर्णय होगा उसके अनुरुप कार्य किया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि 29 दिन के इस सत्र में कुल 20 बैठकें होगी। इस दौरान कामकाज के लिए 46 मुद्दे निर्धारित किए गएहैं जिनमें विधेयक, तीन अध्यादेश और अनुपूरक बजट भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने सत्र के दौरान सहयोग का आश्वासन दिया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, फ़ारुख अब्दुल्ला, गुलाम नबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, भगवंत मान, प्रेम सिंह चंदू माजरा, डेरेक ओ ब्रायन, अनुप्रिया पटेल, सुदीप्त बंद्योपाध्याय, चंद्र कांत खैर (शिवसेना), वाई एस चौधरी(टीडीपी), चिराग पासवान, जयप्रकाश यादव, संजय सिंह (आप) नरेंद्र सिंह तोमर, अर्जुन मेघवाल और विजय गोयल, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी बैठक में पहुंचे हैं। इस बार सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है।
राफेल सौदे ,सीबीआई विवाद ,किसानों की समस्या, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष की सरकार को घेरने की तैयारी को देखते हुए सत्ता पक्ष ने जवाबी रणनीति में राममंदिर के मुद्दे को गरमाने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। सत्र शुरु होने के दिन ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं जिनका असर भी दोनों सदनों की कार्यवाही पर दिखाई देगा। इन चुनावों को लेकर सत्तारुढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बीच गर्मागरम बहस हो सकती है। विपक्षी दल उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे को उछालने का प्रयास कर सकते हैं। वामपंथी दल किसानों की समस्याओं को भी सदन में उठाना चाहते हैं जिनमें गन्ना किसानों की कठिनाइयां प्रमुख है। संसद के दोनों सदनों में भाजपा के सांसद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राममंदिर के निर्माण के लिए गैरसरकारी विधेयक पेश करने की घोषणा कर चुके हैं।