Edited By Seema Sharma,Updated: 21 May, 2019 04:35 PM
लोकसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल के नतीजों के कुछ घंटे बाद ही आरएसएस में नंबर 2 की भूमिका निभाने वाले भैयाजी जोशी और ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी के बीच नागपुर में हुई मुलाकात के बड़े राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
नागपुर: लोकसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल के नतीजों के कुछ घंटे बाद ही आरएसएस में नंबर 2 की भूमिका निभाने वाले भैयाजी जोशी और ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी के बीच नागपुर में हुई मुलाकात के बड़े राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि एग्जिट पोल में भाजपा को स्पष्ट बहुमत के संकेत भी हैं लेकिन इसके बावजूद यदि पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता और प्रधानमंत्री के नाम को लेकर मोदी के चेहरे पर सहमति न बनी तो पार्टी को सर्वसम्मति के लिए कोई अन्य चेहरा आगे करना पड़ सकता है और यह चेहरा नितिन गडकरी का भी हो सकता है लिहाजा इस बैठक को बहुत अहमियत के साथ देखा जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में एक चर्चा यह भी है कि यदि पार्टी सत्ता में आई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने तो कैबिनेट में सबसे बड़ा बदलाव अमित शाह के कारण होगा क्योंकि अमित शाह इस बार लोकसभा का चुनाव लड़े हैं लिहाजा उनका केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान तय माना जा रहा है। यदि अमित शाह को मंत्रिमंडल में जगह मिलती है तो पार्टी का प्रभार किसी अन्य नेता को सौंपा जा सकता है। नितिन गडकरी पहले भी भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं लिहाजा अमित शाह के मंत्री बनने की स्थिति में संघ नितिन गडकरी के नाम पर सहमति बना सकता है।