Edited By Pardeep,Updated: 26 Jul, 2018 11:16 PM
अमूल ब्रांड के तहत दूध और अन्य दुग्ध उत्पाद बनाने वाली गुजरात की 18 डेयरियों का महासंघ गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन इस साल के अंत तक कथित औषधीय गुणों वाले अपने बहुप्रतीक्षित ऊंटनी के दूध को बाजार में उतारेगा। महासंघ के प्रबंध निदेशक आर...
अहमदाबाद: अमूल ब्रांड के तहत दूध और अन्य दुग्ध उत्पाद बनाने वाली गुजरात की 18 डेयरियों का महासंघ गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन इस साल के अंत तक कथित औषधीय गुणों वाले अपने बहुप्रतीक्षित ऊंटनी के दूध को बाजार में उतारेगा।
महासंघ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढी ने वीरवार को यूएनआई को बताया कि आधा लीटर की बोतल में इस दूध को सबसे पहले अहमदाबाद में और फिर अन्य स्थानों पर बाजार में उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले ऊंटनी के दूध से बने चाकलेट को बाजार में उतारा गया था और उनका प्रदर्शन बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि ऊंटनी के दूध को बाजार में उतारने के लिए कच्छ जिला दुग्ध उत्पादक संघ यानी सरहद डेयरी के तहत बन रहे संयंत्र की शुरूआत में अभी तीन से चार महीने लग सकते हैं।
इससे पहले सरहद डेयरी के चेरयरमैन वलमजी हुंबाल ने एक गुजराती चैनल को बताया था कि ऊंटनी के दूध का व्यावसायिक उत्पादन अगले तीन माह में शुरू हो जाएगा। इसके संग्रह का काम पिछले साल के सितंबर माह से ही हो रहा है और लगभग डेढ़ हजार लीटर दूध प्रतिदिन आणंद में चॉकलेट उत्पादन काम के लिए भेजा जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि इस परियोजना के चलते ऊंटनी के दूध की खरीद कीमत पूर्व से लगभग दोगुनी होकर 50 रुपए प्रति लीटर हो गई है और इससे पशुपालकों को फायदा हुआ है। मधुमेह समेत कई रोगों में कथित तौर पर फायदेमंद इस दूध के अपेक्षाकृत जल्दी खराब होने की समस्या होती है और इसको लेकर लंबे विमर्श के बाद वर्ष 2016 में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानकीकरण संबंधी संस्था एफएसएसएआई ने ऊंटनी के दूध को बाजार में उतारने को अनुमति दे दी थी।