Edited By ,Updated: 03 Mar, 2015 04:53 PM
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जमीन अधिग्रहण कानून के किसान विरोधी प्रावधानों के खिलाफ केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए 1100 किलोमीटर की पदयात्रा करने की घोषणा की है।
मुंबई: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने जमीन अधिग्रहण कानून के किसान विरोधी प्रावधानों के खिलाफ केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए 1100 किलोमीटर की पदयात्रा करने की घोषणा की है। हजारे ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वर्धा के गांधी आश्रम से यह पदयात्रा शुरू होगी जो नई दिल्ली के रामलीला मैदान में समाप्त होगी। महात्मा गांधी की ऐतिहासिक डांडी मार्च की तर्ज होने वाली इस पदयात्रा के दिल्ली तीन महीने में पहुंचने का अनुमान है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि इस यात्रा का कार्यक्रम नौ मार्च, 2015 को सेवाग्राम में एक बैठक में तय किया जाएगा। पिछले महीने हजारे ने संसद के बजट सत्र के दौरान दिल्ली में जंतर मंतर पर भ्रष्टाचार विरोधी जनांदोलन न्यास के बैनर तले दो दिवसीय प्रदर्शन किया था। कई किसान संगठनों ने उनके आंदोलन का समर्थन किया था।
पिछले महीने के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया पर नाखुशी प्रकट करते हुए हजारे ने कहा, ‘विभिन्न राज्यों के कृषक संगठनों ने 23-25 फरवरी को प्रदर्शन किया था जिसके बाद केंद्र सरकार को किसानों से वादा करना पड़ा था कि यदि जमीन अधिग्रहण अध्यादेश से किसानों से नाइंसाफी हो रही है तो वह उसे बदलने को तैयार है।’
उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार अब एक नया विधेयक लाई है। इस मसविदा विधेयक पर नजर डालने से पता चलता है कि अध्यादेश और विधेयक में कोई अंतर नहीं है। नया विधेयक हमें भ्रम में डालने की बस चाल था।’ हजारे ने कहा कि पदयात्रा शुरू करने का निर्णय सरकार पर दबाव डालने के लिए कृषक नेताओं और संगठनों से बातचीत के बाद लिया गया। उन्होंने कहा, ‘हम देशभर में किसानों से स्थानीय स्तर पर गिरफ्तारी देने की भी अपील करेंगे।’