Edited By ,Updated: 15 Mar, 2015 12:01 PM
भूमि अधिग्रहण बिल चहुओर से घिरी केंद्र सरकार को अब अपने पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली: भूमि अधिग्रहण बिल चहुओर से घिरी केंद्र सरकार को अब अपने पार्टी के कार्यकर्त्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने इशारों में कहा कि मोदी सरकार का यह बिल किसान विरोधी था।
गत शनिवार को किसानों के बीच एक सभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने पार्लियामेंट में भी कहा कि वे पहले किसान का पुत्र हैं और उसके बाद एक मंत्री व उनकी वजह से ही बिल में 9 संशोधन हुए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल पेश करने से पहले उन्हें रात को नींद नहीं आई। हालांकि बाद में उन्होंने मौजूदा संशोधित बिल की पैरोकारी करते हुए कहा कि सरकार किसान की जमीन किसी बड़े साहूकार या उद्योगपति को नहीं देगी।
गौरतलब है कि बजट सत्र के शुरू होते ही संसद से लेकर सड़क तक भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल बिल का विरोध कर इसे किसान विरोधी बता रहे हैं, वहीं समाजसेवी अन्ना हजारे ने भी बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अन्ना इस ओर पदयात्रा कर रहे हैं।