सरकार ने दिया 1 साल का लेखा-जोखा, जानिए खास बातें

Edited By ,Updated: 23 May, 2015 04:11 AM

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नरेंद्र मोदी नीत केंद्र की भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेतली ने सरकार के कामों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी नीत केंद्र की भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेतली ने सरकार के कामों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। जेतली ने कहा कि भाजपा की सरकार आने से देश में निराशा का माहौल खत्म हुआ है और कड़े फैसले लेने में यह सरकार तेजी दिखा रही है। 

प्रधानमंत्री ने 1 साल में 18 देशों की यात्रा की, जिससे अरबों डालर का निवेश हमें मिल रहा है। हमारे कामों का पूरी दुनिया में अच्छा संदेश जा रहा है। इस सरकार में पारदर्शिता से काम हो रहा है।
 
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मोदी सरकार आने के बाद से महंगाई पर काबू पाने में सफलता मिली है। ब्याज दरों में कटौती का समय आ चुका है। आम जनता की सरकार से उम्मीदें व्यावहारिक हैं। 
 
हमारी सरकार ने तेजी से फैसले लिए और हमारी टैक्स नीति से कोई विवाद नहीं हुआ है। एल.पी.जी. में डी.बी.टी. से इसमें भ्रष्टाचार खत्म हुआ है। वहीं वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) और  भूमि विधेयक (लैंड बिल) को संसद से पास कराना हमारी प्राथमिकता है। 
 
जी.एस.टी. के पास होने से देश की विकास दर 10 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। केंद्र सरकार 1 अप्रैल, 2016 से जी.एस.टी. लागू कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) के मसले पर उन्होंने कहा कि यह मामला पुराना है। यह मामले अभी कोर्ट में चल रहे हैं। ‘वन रैंक वन पैंशन’ के मसले पर वित्त मंत्री ने कहा कि डिफैंस कर्मियों के लिए यह सरकार की स्पष्ट प्रतिबद्धता है और सरकार इसे लागू करेगी।’’

 
 वित्त मंत्री के संबोधन की खास बातें
* काला धन देश से बाहर न जाए इसका पूरा इंतजाम किया जा रहा है। घरेलू काले धन पर भी कानून लाया जा रहा है।
 
* दुनिया में मंदी के दौर में भी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम की रफ्तार को बढ़ाया है।
 
* नीति आयोग के गठन से संघीय प्रणाली को मजबूती मिली है और राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ी है।
 
* देश की विकास दर बढ़ी है और ज्यादा बढऩे की उम्मीद है।
 
* राजकोषीय घाटा पहले 4.6 प्रतिशत था अब सिर्फ  4 प्रतिशत है।
 
* किसानों की सबसिडी और एल.पी.जी. लीकेज में कमी आई है।
 
* 16 रुके हुए हाइवे की योजना फिर से शुरू की गई है।
 
* कंपनी एक्ट में सरलता लाने की कोशिश की गई।
 
* 5.5 करोड़ छोटे उद्यमियों तक पहुंचेगा मुद्रा बैंक।
 
* 14वें वित्त कमीशन की सिफारिशों को लागू किया गया।
 
* मनरेगा को भी अतिरिक्त धन आबंटित किया गया।
 
* कोयला खदान नीलामी, स्पैक्ट्रम नीलामी के सारे विवाद खत्म किए गए। खनिज संसाधनों से भरपूर राज्यों को नीलामी से आने वाले पैसे को राज्यों को ही सौंपा।
 
* इंश्योरैंस स्कीम से गरीब आदमी को संकट के समय फायदा होगा, 9 मई से आज तक 7.5 करोड़ लोग इंश्योरैंस स्कीम से जुड़ चुके हैं। देश में 11 प्रतिशत लोग पैंशन लेते हैं, इसे बढ़ाने के लिए अटल पैंशन योजना शुरू की।
 
* इंकम टैक्स में 2 बार छूट दी, संघीय ढांचे को सरकार ने और मजबूत करने का काम किया है। डायरैक्ट टैक्स में असमानता को खत्म किया। पहली बार टैक्स देने वाले लोगों की सरकार ने मदद की, उनकी टैक्स स्लैब को भी कम किया और उनकी निवेश की क्षमता को बढ़ाया।   
 
* बैंकों पर दबाव कम हो रहा है, एन.पी.ए. भी 5.64 से घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ गया है।
 
* सरकार के कामकाज संभालने के बाद मात्र 6 महीने में विनिवेश से 24,277 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया गया, 50,000 करोड़ रुपए से अधिक के विनिवेश पाइपलाइन में हैं। 
 
* विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफ.आई.पी.बी.) के पास निवेश के 350 प्रस्ताव आए और उनमें से अधिकांश प्रस्ताव अनुमोदित किए जा चुके हैं और कुछ प्रस्ताव अंतिम चरण में हैं।
 
* आयकर को सरल बनाने के लिए कहा और शीघ्र ही सरल रिटर्न फॉर्म जारी हो जाएगा।
 
* कृषि ऋण में बढ़ौतरी हुई है लेकिन यह क्षेत्र अभी भी दबाव में है। कृषि क्षेत्र को उदार बनाने की पहल हो रही है। 

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