Edited By ,Updated: 12 Jul, 2015 08:47 PM
केंद्र सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत सवालों के जवाब देने में बार बार लगने वाले श्रम से बचने के लिए सभी विभागों से कहा है कि वे आवेदकों द्वारा अक्सर मांगे जाने वाली सूचना का विश्लेषण करें और ऎसी जानकारी स्वत: ही सार्वजनिक कर दें।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत सवालों के जवाब देने में बार बार लगने वाले श्रम से बचने के लिए सभी विभागों से कहा है कि वे आवेदकों द्वारा अक्सर मांगे जाने वाली सूचना का विश्लेषण करें और ऎसी जानकारी स्वत: ही सार्वजनिक कर दें। जानकारी के मुताबिक यह कदम इस संबंध में संसद की एक स्थाई समिति की सिफारिश आने के बाद आया है।
कार्मिक, लोक शिकायत, विधि और न्याय पर संसद की स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा समिति का मानना है कि सभी मंत्रालय, विभाग या संगठनों को संबंधित सूचना सार्वजनिक करने को बजवा देना चाहिए। समिति आरटीआई अनुरोधों और उनके जवाब विभागों की वेबसाइटों पर जारी करने का सुझाव देती है ताकि अनुरोधों का दोहराव रोका जा सके।
मंत्रालय केंद्र सरकार के सभी विभागों से सार्वजनिक शासन संबंधी सूचना सवत: ही सार्वजिनक करने को कह रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा निर्देशों के बावजूद इसका पालन सभी मंत्रालयों ने नहीं किया है।