मुसाफिरों को ‘ना' कहना पड़ा महंगा, 918 ऑटो वालों का लाइसेंस रद्द

Edited By prachi upadhyay,Updated: 14 Aug, 2019 06:06 PM

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अगर आप मुंबई में रहते हैं और आज-जाने के दौरान कई बार ऑटोवालों की ना-नुकर सुनते है। तो परेशान मत होइए। अब कोई ऑटोवाला आपको कहीं ले जाने के लिए मना नही कर सकेगा, क्योंकि अगर उसने ऐसा किया तो उसका लाइसेंस रद्द हो सकता है।

मुंबई: अगर आप मुंबई में रहते हैं और आज-जाने के दौरान कई बार ऑटोवालों की ना-नुकर सुनते है। तो परेशान मत होइए। अब कोई ऑटोवाला आपको कहीं ले जाने के लिए मना नही कर सकेगा, क्योंकि अगर उसने ऐसा किया तो उसका लाइसेंस रद्द हो सकता है।

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दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने अपनी तरह का पहला और नया कदम उठाते हुए मुंबई और पुणे में 918 ऐसे ऑटो चालकों का लाइसेंस रद्द किया है, जिन्होने मुसाफिरों को ले जाने से मना कर दिया था। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, अबतक जाली दस्तावेज जमा कराने जैसे अपराधों पर लाइसेंस रद्द होते थे। लेकिन मुसाफिरों को कहीं ले जाने से मना करने पर ऐसा कदम पहली बार उठाया गया है।

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उन्होने बताया कि परिवहन आयुक्त शेखर चेन्न ने हाल ही में एक मुहिम चलाई, जिसके तहत मुंबई और पुणे के करीब 918 ऑटो चालकों का लाइसेंस वापस ले लिया गया। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तानाजी चव्हाण ने बताया कि लाइसेंस देने की प्रणाली पूरी तरह से ऑनलाइन है। ऐसे में ये सभी ऑटो ड्राइवर किसी भी दूसरे तरीके से लाइसेंस दोबारा हासिल नहीं कर पाएंगे। वहीं एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यातायात नियम तोड़ने के आरोप में बीते 6 महीने में करीब 12,342 ऑटोवालों का लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है।  

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उधर, मुंबई ऑटो-रिक्शा मेंस यूनियन के नेता शशांक राव ने कहा है कि प्रशासन को पहली बार कानून तोड़ने वालों के प्रति नरमी से पेश आना चाहिये। राव ने कहा कि वह यह भी कहना चाहेंगे कि ये सभी मामले निष्पक्ष नहीं हैं। हम पहले भी ऐसे मामले जीत चुके हैं। हम आरटीओ के सामने अपना पक्ष रखेंगे

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