Edited By Yaspal,Updated: 12 Jun, 2020 09:38 PM
राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार छात्रा अमूल्या लियोना को यहां की एक अदालत ने इस आधार पर जमानत दे दी कि पुलिस नियत समय में उसके खिलाफ आरोप-पत्र दायर नहीं कर सकी। गौरतलब है कि लियोना ने फरवरी में सीएए-विरोधी प्रदर्शन में कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन...
बेंगलुरुः राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार छात्रा अमूल्या लियोना को यहां की एक अदालत ने इस आधार पर जमानत दे दी कि पुलिस नियत समय में उसके खिलाफ आरोप-पत्र दायर नहीं कर सकी। गौरतलब है कि लियोना ने फरवरी में सीएए-विरोधी प्रदर्शन में कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले बुधवार को दीवानी एवं सत्र अदालत ने उसे नियमित जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि मामले में जांच अभी पूरी नहीं हुई है। लियोना को स्वत: जमानत पांचवें अतिरिक्त नगर दीवानी मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट ने दी।
इससे पहले, 60वें अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिराहट्टी ने लियोना की नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था, ‘‘याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह फरार हो सकती है अथवा इसी तरह के अपराध में लिप्त हो सकती है जिससे सार्वजनिक शांति का माहौल प्रभावित हो सकता है।''
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई फेडरेशन द्वारा गत 20 फरवरी को फ्रीडम पार्क में संशोधित नागरिकता कानून एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में आयोजित सभा में छात्र कार्यकर्ता 19 वर्षीय अमूल्या लियोना ने कथित तौर पर ‘‘पाकिस्तान जिंदाबाद'' का नारा लगाया था। सभा में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे और उन्होंने लियोना को यह नारा लगाने से रोकने की कोशिश की थी।
लियोना की ओर से पेश अधिवक्ता आर. प्रसन्ना ने कहा, ‘‘चूंकि पुलिस नियत 90 दिन के भीतर आरोप-पत्र दाखिल करने में विफल रही इसलिए हमने स्वत: जमानत की याचिका लगाई, जो अदालत ने बुधवार को ही दे दी।'' उन्होंने बताया लियोना को एक या दो दिन के भीतर रिहा किया जा सकता है।