देश की आंतरिक सुरक्षा पर आ सकता है बड़ा खतरा

Edited By ,Updated: 30 Mar, 2017 05:00 PM

big threat can come on internal security of the country

संसद में सरकार की तरफ से पेश एक रिपोर्ट में पैरामिलिट्री फोर्स यानि अर्धसैनिक बल के संबंध में एक बहुत ही बड़ी बात सामने आई है कि अर्धसैनिक बलों में समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों की संख्या में पिछले 1 साल में बहुत बढ़ गई है।

नई दिल्ली: संसद में सरकार की तरफ से पेश एक रिपोर्ट में पैरामिलिट्री फोर्स यानि अर्धसैनिक बल के संबंध में एक बहुत ही बड़ी बात सामने आई है कि अर्धसैनिक बलों में समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों की संख्या में पिछले 1 साल में बहुत बढ़ गई है। ऐसे में हम यह कह सकते है कि देश की आंतरिक सुरक्षा बहुक बढ़ा खतरा आ सकता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल वी.आर.एस. लेने वालों की संख्या में 450 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 

 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अपने निजी कारणों के चलते इन अर्धसैनिकों ने समय से पहले रिटायरमेंट ले लिया है। रिजिजू ने ये भी बताया कि साल 2016-17 में 9065 अर्धसैनिकों ने वी.आर.एस. लिया है इसमें ज्यादातर सी.आर.पी.एफ., बी.एफ, आई.टी.बी.पी., सी.आई.एस.एफ., एस.एस.बी. और असम राइफल्स के हैं।

 

साल 2014-15 में समय से पहले नौकरी छोडऩे वालों की संख्या 5289 थी। 2015-16 में वीआरएस लेने वालों की संख्या में भारी क मी आई और उस साल सिर्फ 2105 अर्धसैनिकों ने ही समय से पहले रिटायरमंट लिया था। 2016-17 में वी.आर.एस. के आंकड़ों में 450 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पैरैमिलेट्री फोर्स के सूत्रों की मानें तो ज्यादातर अर्धसैनिक अपनी नौकरी में तनाव, कम तन्ख्वाह और कठिन हालातों में काम करने की अनिवार्यता के चलते वी.आर.एस. ले कर समय से पहले ही नौकरी छोड़ देते हैं।

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