तीन तलाक पर 3 साल की जेल, लोकसभा में ऐतिहासिक बिल पास

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 08:18 PM

bill on triple talaq passes in lok sabha

लोकसभा ने आज मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 को मंजूरी दे दी। दिनभर चली चर्चा के बाद बिल के पक्ष और विपक्ष में सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे। सरकार की तरफ से जहां केंद्रीय कानून मंत्री ने बिल पेश करने के बाद मोर्चा संभाला वहीं...

नेशनल डेस्क: लोकसभा ने आज मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 को मंजूरी दे दी। दिनभर चली चर्चा के बाद बिल के पक्ष और विपक्ष में सदस्यों ने अपने -अपने विचार रखे। सरकार की तरफ से जहां केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश करने के बाद मोर्चा संभाला वहीं विपक्ष की ओर से एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी बिल के कई प्रावधानों का विरोध करते दिखाई दिए।

क्या है तीन तलाक विधेयक?
सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक लाया। यह कानून सिर्फ तीन तलाक (INSTANT TALAQ, यानि तलाक-ए-बिद्दत) पर ही लागू होगा।
-इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।
-तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या मैसेज में, वह अवैध होगा।
-अगर कोई तीन तलाक देता है तो उसको तीन साल की सजा के साथ जुर्माना होगा। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा।
-इस बिल के मुताबिक पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है। मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे। प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा है। तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए पीएम मोदी ने एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली,  सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।
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ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी जिसे सदस्यों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया। एक संशोधन पर हुई वोटिंग में तो ओवैसी के पक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ 241 वोट पड़े। दूसरे प्रस्ताव में भी उनके पक्ष में सिर्फ 2 वोट पड़े। वहीं, 242 लोगों ने उनके प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। हालांकि, इससे पहले उनके संशोधन के प्रस्ताव को लोकसभा के सदस्यों ने ध्वनि मत से खारिज कर दिया था। इससे पहले, सदन में इस बिल पर विस्तृत चर्चा हुई।
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अकबर और ओवैसी में नोकझोंक   
तीन तलाक संबंधी विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक देखने को मिली। चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अकबर ने शाह बानो प्रकरण का हवाला दिया तो ओवैसी ने उनको टोका और कहा कि उस वक्त आपने उस कानून (राजीव गांधी के समय) को पारित कराया था। इस पर अकबर ने कहा कि मेरे दोस्त को शायद यह पता नहीं है कि वह 1989 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके इस कथन पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाया। 
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रंग लाई पीएम मोदी की अपील
तीन तलाक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष से आपसी सहमती की अपील भी रंग ले ही आई। भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद अनंत कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक, 2017 को पारित कराने में आम सहमति की अपील की। 
PunjabKesariभाजपा को मिला कांग्रेस का साथ 
तीन तलाक विधेयक पर भाजपा को कांग्रेस को साथ मिला। कांग्रेस ने तीन तलाक विधेयक का समर्थन करते हुए आज कहा कि यह विधेयक विवाहित मुस्लिम महिलाओं के हक में है और मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए इस विधेयक को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।  कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने से पहले संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि विधेयक को और मजबूत एवं तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता है जिससे मुस्लिम महिलाओं का सशक्तीकरण हो और उन्हें हर तरह के शोषण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर कांग्रेस ने तीन अहम सुझाव सरकार को दिये हैं जिससे मुस्लिम महिलाओं की दुश्वारियां कम की जा सकेंगी

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