Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Jun, 2019 08:10 AM
इस बार मोदी सरकार में भाजयुमो की बल्ले-बल्ले है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भाजपा जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) को काफी महत्व मिल रहा है। इस बार मोदी ने अपनी कैबिनेट में संघ व उसके अनुषांगिक संगठन ए.बी. वी.पी. को बहुत ज्यादा तरजीह नहीं दी।
नई दिल्ली: इस बार मोदी सरकार में भाजयुमो की बल्ले-बल्ले है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भाजपा जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) को काफी महत्व मिल रहा है। इस बार मोदी ने अपनी कैबिनेट में संघ व उसके अनुषांगिक संगठन ए.बी. वी.पी. को बहुत ज्यादा तरजीह नहीं दी। भाजपा के नए कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा केवल 31 वर्ष की उम्र में भाजपा जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे। नए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी अपनी युवा अवस्था में भाजपा युवा मोर्चा के राजस्थान में प्रांतीय अध्यक्ष रह चुके हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी भाजपा युवा मोर्चा से जुड़े रहे हैं। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश के अनुराग ठाकुर को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इससे पहले वह भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में ए.बी.वी.पी. से जुड़े नेताओं की प्रमुखता थी जिसमें अरुण जेतली, राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडू, स्वर्गीय अनंत कुमार जैसे कद्दावर नेता शामिल रहे। इनमें से कुछ भाजपा युवा मोर्चा से भी जुड़े रहे लेकिन अधिकतर नेताओं ने ए.बी.वी.पी. से सीधे सक्रिय राजनीति में एंट्री ली। बेशक शाह और नड्डा ने ए.बी.वी.पी. कार्यकर्त्ता के तौर पर राजनीतिक करियर की शुरूआत की लेकिन जल्द ही भाजपा जनता युवा मोर्चा के प्रमुख नेता बन गए। इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में धर्मेंद्र प्रधान जैसे ए.बी.वी.पी. के नेताओं को मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में तरजीह दी थी।
टिकट आबंटन में भी भाजयुमो को तरजीह
यही नहीं इस बार मोदी ने टिकट आबंटन में भी भाजयुमो को काफी तरजीह दी जिसके चलते दक्षिणी बेंगलूर से 28 वर्षीय तेजस्वी सूर्या को टिकट दिया गया। इससे पहले तेजस्वी भाजयुमो के प्रदेश सचिव थे। इसी तरह से भाजयुमो की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम महाजन के अलावा अमित कुमार जैसे कई भाजयुमो पदाधिकारियों को भाजपा ने टिकट दिया।