Edited By Yaspal,Updated: 12 Apr, 2019 07:04 PM
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश देते हुये कहा कि वह मोबाइल गेम “पबजी” की सामग्री की पड़ताल करे और अगर उसे कुछ आपत्तिजनक लगता है तो वह आवश्यक नियामकीय निर्देशों को जारी करे। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति...
मुंबईः बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश देते हुये कहा कि वह मोबाइल गेम “पबजी” की सामग्री की पड़ताल करे और अगर उसे कुछ आपत्तिजनक लगता है तो वह आवश्यक नियामकीय निर्देशों को जारी करे।
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि अगर उन्हें ऐसा करना उचित लगता है तो वह गेम सेवाप्रदाता को उसे ब्लॉक करने के निर्देश दें। अदालत ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई पर दिये। याचिका में विद्यालयों में बच्चों के “पबजी” गेम खेलने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील तनवीर निजाम ने कहा कि अदालत सभी विद्यालयों को यह निर्देश दे कि वे अपने परिसर में इस गेम पर प्रतिबंध लगाएं। अदालत ने पाया कि विद्यालयों ने पहले ही बच्चों के मोबाइल फोन या वीडियो गेम उपकरण लाने पर रोक लगा रखी है।
अदालत ने कहा, “आप यह कैसे कह सकते हैं कि स्कूलों को गेम पर प्रतिबंध लगाना चाहिये? स्कूल कहेंगे कि हमने पहले ही इसे अनुमति नहीं दी है। अगर मांबाप ही अपने बच्चों को मोबाइल फोन देकर ऐसा गेम खेलने देते हैं तो इसमें स्कूल क्या करेंगे? याचिका में आरोप लगाया गया था कि बच्चे और बालिग दोनों को इसकी लत पड़ रही है और यह हिंसा, उत्तेजना और साइबर-धौंस को बढ़ावा दे रहा है।