Edited By Seema Sharma,Updated: 01 Feb, 2020 02:28 PM
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान तमिलनाडू के कवि तिरुवल्लुवर की कविता कुछ लाइनें सुनाईं तो सदन में हंगामा शुरू हो गया। दरअसल सीतारमण ने एक कविता से तुलना करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के काम गिनवाए जिससे विपक्ष लाल हो गया।...
नेशनल डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान तमिलनाडू के कवि तिरुवल्लुवर की कविता कुछ लाइनें सुनाईं तो सदन में हंगामा शुरू हो गया। दरअसल सीतारमण ने एक कविता से तुलना करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के काम गिनवाए जिससे विपक्ष लाल हो गया। जैसे-जैसे निर्मला कविता की लाइन पढ़ती रहीं, विरोध के स्वर तेज होते गए और उन्होंने हंगामा कना शुरू कर दिया। इस कविता में अच्छे देश की क्या खूबियां होती हैं यह बताई गई थीं। कविता सुनाकर निर्मला ने दावा किया कि कविता में बताई गईं सभी खूबियां नरेंद्र मोदी सरकार में देश में आई हैं।
ये था कविता का मतलब
सीतारमण ने पहले कविता को तमिल में पढ़ा। फिर मतलब बताते हुए उन्होंने कहा कि कवि तिरुवल्लुवर बताते हैं कि एक अच्छे देश में पांच चीजें होती हैं। पहली कि वहां बीमारियां न हो, पैसा हो अच्छी फसल हो, खुशहाली हो और जगह सुरक्षित हो। फिर सीतारमण ने मोदी सरकार से तुलना करते हुए कहा कि योजनाओं के नाम लिए और कहा कि उनसे देश खुशहाल हुआ है। सीतारमण ने कहा कि आयुष्मान भारत ने स्वास्थ्य दिया, वेल्थ क्रिएटर का देश में सम्मान होता है, किसानों के लिए किसान सम्मान निधि, अन्य योजनाएं लाए, ईज ऑफ लिविंग बेहतर हुई जिससे देश में खुशहाली आई। वित्त मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा इस सरकार के लिए सबसे पहले है इसके तो कई प्रूफ हैं। इस पर विपक्ष हंगामा करने लग गया।
हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने माहौल को हल्का करते हुए मजाक के लहजे में विपक्ष को कहा कि 'आपको खुश होना चाहिए कि तमिल में पढ़ा है।' बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान एक कश्मीरी कविता भी पढ़ी थी। कश्मीर में कविता पढ़ने के बाद उन्होंने इसका हिंदी मतलब बताया। उन्होंने कहा, 'हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।' यह कविता पंडित दीनानाथ कौल की है। मोदी सरकार ने बजट में टैक्सपीयर को बड़ी राहत दी है।