Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Dec, 2019 09:19 AM
एक ही जगह पर रहने और एक जैसा आहार लेने के बाद भी एक व्यक्ति को कैंसर हो जाता है जबकि दूसरे को नहीं, इसकी वजह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने जो शोध किया उसमें सामने आया है कि किसी व्यक्ति में कैंसर के बढ़ने का कारण उसके डी.एन.ए. के बदलाव से संबंधित होता...
नई दिल्ली: एक ही जगह पर रहने और एक जैसा आहार लेने के बाद भी एक व्यक्ति को कैंसर हो जाता है जबकि दूसरे को नहीं, इसकी वजह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने जो शोध किया उसमें सामने आया है कि किसी व्यक्ति में कैंसर के बढ़ने का कारण उसके डी.एन.ए. के बदलाव से संबंधित होता है। यह डी.एन.ए. प्रोटीन को कोड नहीं करता है और इसे ‘जंक डी.एन.ए.’ के रूप में जाना जाता है। शोध में सामने आया कि जिन लोगों में कैंसर की बीमारी जीन्स के चलते आती है, उनमें इन जीन्स को कंट्रोल करने वाले डी.एन.ए. में हुए बदलाव पर इस बीमारी की गंभीरता निर्भर करती है। यानी डी.एन.ए. में हुए बदलाव के आधार पर यह बीमारी अधिक घातक भी हो सकती है और इसके होने की संभावना नगण्य भी हो सकती है।
अध्ययनकर्त्ता जॉन क्वारेकनबुश का कहना है कि हम इस बात को देखकर हैरान हैं कि छोट-छोटे अनुवांशिक बदलाव कैंसर का जोखिम उठाने वाले जीन्स पर कितने व्यापक रूप से प्रभाव डालते हैं। हमें उम्मीद है कि यह खोज आगे चलकर कैंसर के कारण होने वाली लोगों की मौत के खतरे को दूर करने के काम में मदद करेगी। नॉन कोडिंग डी.एन.ए. स्टै्रचेज में 846 अनुवांशिक बदलाव इस रिसर्च दौरान शोधकर्त्ताओं ने नॉन कोडिंग डी.एन.ए. स्टै्रचेज में 846 अनुवांशिक बदलाव देखे।
पूर्व में हुए कई अध्ययनों में इन बदलवों को कैंसर के रिस्क को प्रभावित करने वाला माना गया था। शोध टीम ने अनुभव किया कि इस तरह के बदलाव का कारण सिंगल न्यूक्लियोटाइड पॉलिमोरफिजम और कुछ खास जीन्स के बीच किसी तरह का कोरिलेशन होना चाहिए। इस विषय पर अभी आगे और शोध किया जाना बाकी है। यह अध्य्यन हाल ही ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित हुआ है।