केंद्र का SC को जवाब- मौत की सजा के लिए फांसी ही बेहतर विकल्‍प

Edited By vasudha,Updated: 24 Apr, 2018 01:23 PM

center replies to sc hanging better for death penalty

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मौत की सजा के लिए फांसी ही बेहतर विकल्प है। कोर्ट ने मंगलवार को मौत की सजा के तरीके को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मौत की सजा के लिए फांसी ही बेहतर विकल्प है। कोर्ट ने मंगलवार को मौत की सजा के तरीके को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि  लीथल इंजेक्शन के जरिए मौत की सजा फांसी की तुलना में ज्यादा खतरनाक है। इस लिए मौत की सजा के लिए फांसी ही सुरक्षित तरीका है। केंद्र सरकार ने ये भी कहा कि फांसी की सजा केवल रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में दी जाती है। 

इंजेक्‍शन ज्‍यादा खतरनाक 
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विधायिका सजाए-मौत के मामले में फांसी के अलावा कोई दूसरा तरीका भी तलाश सकता है जिसमें मौत शांति में हो पीड़ा में नहीं। कोर्ट में दा​खिल याचिका में कहा गया था कि फांसी से मौत में 40 मिनट तक लगते हैं जबकि गोली मारने और इलेक्ट्रिक लगाने केवल 2 मिनट लगते हैं। याचिका में फांसी पर लटकाए रखने यानी 'हैंग टिल डेथ' का प्रावधान करने वाली सीआरपीसी की धारा 354 (5) को रद्द करने की मांग की गई थी। 

140 देशों में फांसी की सजा पर रोक 
गौरतलब है कि आयोग की रिपोर्ट में उल्लेख है कि 21वीं सदी की दुनिया में 140 देश फांसी की सजा खत्म कर चुके हैं। भारत में भी दुर्लभतम और नृशंसतम मामलों में ही फांसी की सजा देने का प्रावधान है लेकिन खुद सुप्रीम कोर्ट ने कई बार माना है कि इस सिद्धांत का मनमाना इस्तेमाल भी हुआ है। कई राज्यों में गंभीर अपराध में 30 से 60 साल बाद सजा में छूट का प्रावधान है, तो कई राज्य 14, 16 या 20 साल बाद अच्छे चाल-चलन वाले कैदी की सजा में रियायत कर देते हैं।
 

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