केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर लगाई रोक

Edited By Yaspal,Updated: 14 Sep, 2020 10:28 PM

central government bans onion exports with immediate effect

सरकार ने प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी वजह घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों पर नियंत्रण रखना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी की।...

नई दिल्लीः सरकार ने प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी वजह घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतों पर नियंत्रण रखना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में सोमवार को अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘प्याज की सभी किस्मों के निर्यात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है।'' डीजीएफटी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत कार्य करता है। यह आयात और निर्यात से जुड़े मु्द्दों को देखने वाली इकाई है। संक्रमणकालीन व्यवस्था के तहत आने वाले प्रबंधों के प्रावधान इस अधिसूचना के दायरे में नहीं आएंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज के दाम 40 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं।

गौरतलब है कि देश में विनिर्मित उत्पाद महंगे होने से अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 0.16 प्रतिशत पर पहुंच गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई। इससे पहले पिछले कई महीनों तक थोक मुद्रास्फीति नकारात्मक दायरे यानी शून्य से नीचे रही थी। अप्रैल में यह -1.57 प्रतिशत, मई में -3.37 प्रतिशत, जून में -1.81 प्रतिशत और जुलाई में -0.58 प्रतिशत रही थी। इस दौरान कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। मार्च में थोक मुद्रास्फीति 0.42 प्रतिशत पर थी।

वहीं, खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण अगस्त में उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा महंगाई की दर लगातार तीसरे महीने छह फीसदी से ऊपर रही और 6.69 प्रतिशत दर्ज की गई। दालों और सब्जियों के साथ मसालों, मांस-मछलियों, अंडों और तेल एवं वसायुक्त पदार्थों की महंगाई दर दहाई अंक में रहने से खाद्य खुदरा महंगाई दर 9.05 प्रतिशत दर्ज की गई। परिवहन के साधनों और निजी सौंदर्य उत्पादों की महंगाई दर भी दहाई अंक में रही। इस साल जून से यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा महंगाई की दर रिजर्व बैंक के लक्षित दायरे से ऊपर रही है।

खुदरा महंगाई को दो से छह फीसदी के बीच रखने की जिम्मेवारी केंद्रीय बैंक की है। इस साल जून में यह दर 6.23 प्रतिशत और जुलाई में 6.73 प्रतिशत दर्ज की गई थी जबकि पिछले साल अगस्त में खुदरा महंगाई दर 3.28 फीसदी रही थी। इस साल अप्रैल और मई के आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिक कार्यालय (एनएसओ) द्वारा उपलब्ध नहीं कराये गये हैं।

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