Edited By vasudha,Updated: 19 Aug, 2019 03:55 PM
भारत के चंद्र मिशन-2 की कल एक अत्यंत महत्वपूर्ण घड़ी होगी जब इसरो चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दाग कर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाने के अभियान को अंजाम देगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने यान को चांद की कक्षा में...
नेशनल डेस्क: भारत के चंद्र मिशन-2 की कल एक अत्यंत महत्वपूर्ण घड़ी होगी जब इसरो चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दाग कर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाने के अभियान को अंजाम देगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने यान को चांद की कक्षा में पहुंचाने की प्रक्रिया के संबंध में कहा कि यह कल सुबह (अंदाजन सुबह साढ़े आठ बजे से सुबह साढ़े नौ बजे के बीच) होगा। यह चुनौतीपूर्ण है।
इसरो ने कहा कि इसके बाद यान को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद लैंडर ‘विक्रम' दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। इसरो ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘साॉफ्ट लैंडिंग' कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा।
गत 22 जुलाई को प्रक्षेपणयान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था। बेंगलूरू के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलूरू स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं।