Edited By shukdev,Updated: 07 Dec, 2018 05:27 PM
व्हाट्सएप ने कहा कि उसे मैसेंजिंग एप पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी की कोई जगह नहीं है और वह ऐसी सामग्रियों के प्रसार के खिलाफ सख्त कदम उठाता रहा है। इसमें उपयोगकर्त्ताओं की शिकायत के आधार पर खाता बंद करने भी शामिल है। व्हाट्सएप ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को...
नई दिल्ली: व्हाट्सएप ने कहा कि उसे मैसेंजिंग एप पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी की कोई जगह नहीं है और वह ऐसी सामग्रियों के प्रसार के खिलाफ सख्त कदम उठाता रहा है। इसमें उपयोगकर्त्ताओं की शिकायत के आधार पर खाता बंद करने भी शामिल है। व्हाट्सएप ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी को घिनौना करार देते हुए कहा कि वह एजेंसियों के अनुरोध पर इस तरह के अपराधों की जांच करेगी। व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि हम उन संदेशों को नहीं देख सकते हैं जो लोग एक-दूसरे को भेजते हैं, हम उपयोगकर्त्ताओं की शिकायत के आधार पर खाते बंद करने समेत अन्य कदम उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए हमारे मंच पर कोई जगह नहीं है। कंपनी की ओर से यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया के बाद आई है। कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार और गूगल, माइक्रोसॉफ्ट तथा फेसबुक समेत दिग्गज इंटरनेट कंपनियां बलात्कार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और आपत्तिजनक सामग्री को खत्म करने की जरुरत पर सहमत है। इसमें कहा गया है कि केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों के कार्यान्वयन के उद्देश्य से हर इकाई को मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा या प्रस्ताव देना होगा।
जस्टिस मदन बी लोकूर और यू यू ललित की पीठ ने कहा कि सभी लोग सहमत है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के वीडियो को जड़ से हटाए जाने की जरुरत है। इस आधार पर एसओपी का मसौदा तैयार किया जाएगा।