Edited By Monika Jamwal,Updated: 06 Feb, 2021 01:23 PM
चिल्लई कलां, कमीर में सर्दी का सबसे सख्त दौर होता है। पूरे चालीस दिन का यह दौर 31 जनवरी को समाप्त हो गया और कश्मीरवासियों ने इसे अपने अन्दाज से बाय-बाय कहा।
श्रीनगर: चिल्लई कलां, कमीर में सर्दी का सबसे सख्त दौर होता है। पूरे चालीस दिन का यह दौर 31 जनवरी को समाप्त हो गया और कश्मीरवासियों ने इसे अपने अन्दाज से बाय-बाय कहा। शुक्रवार को कश्मीर में रूखस्ते चिल्लई कलां नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर की प्रतिभा को मौका देना था।
चिल्लई कलां के दौरान इतनी सर्दी होती है कि डल झील तक आंशिक रूपसे जम जाती है। वहीं कश्मीर के स्थानीय कलाकारों के एकग्रुप ने शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कान्फ्रेंस हाॅल में कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें सोलो गायकी से लेकर संगीत के कई तरह के कार्यकम रखे गये थे।
महरीन बक्शी नामक एक आयोजक ने कहा, हमारा उद्देश्य लोगों को बुलानाहै औरकहना है कि आओ मिलकर चिल्लई कलां को बाय कहें और साथ ही हम युवा प्रतिभा को भी आगे आने का मौका देना चाहते हैं। वहीं कलाकारों ने कहा कि कश्मीर में प्रतिभा की कोई कमी नहीं हैं आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहियें ताकि युवाओं को दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा रखने का मौका मिले।