Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Jun, 2020 01:11 PM
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी पर हुई खूनी हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में चाइनीज प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई है। हर कोई कह रहा है कि चाइना के माल को भारत से बाहर का रास्ता दिखाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर मुहीम शुरू...
नेशनल डेस्कः लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी पर हुई खूनी हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में चाइनीज प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की मुहिम तेज हो गई है। हर कोई कह रहा है कि चाइना के माल को भारत से बाहर का रास्ता दिखाना जरूरी है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर मुहीम शुरू हो गई है। हर कोई अब देख रहा कि खरीदे सामान पर Made in India लिखा है या Made in china, तो यहां बता दें कि चीन ने भारत में अपने सामान को बहिष्कार से बचाने के लिए नई तरकीब निकाली है।
चीन की चालाकी
साल 2017 में जब डोकलाम विवाद हुआ था तब भी भारत में चाइनीज प्रॉडक्ट्स के बहिष्कार की मांग उठी थी। इसके बाद दिवाली पर कुछ संगठनों ने चाइनीज लड़ियों और मूर्तियों को नहीं खरीदने की अपील की थी और इसका काफी असर देखने को भी मिला था। भारत में दिवाली पर मिले घाटे के बाद चीन ने नई चाल चली और लोगों को पता न लगे उसने Made in china लिखना ही बंद कर दिया।
Made in china की जगह ये लिखता है चीन
चीन ने अब अपने प्रॉडक्ट्स पर 'मेड इन चाइना' लिखना बंद कर दिया है अब वह अपने प्रोडेक्ट्स पर मेड इन PRC लिखता है। PRC मतलब पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ( People's Republic of China)। शायद चीन के दिमाग में होगा कि भारतीय PRC देखकर सामान खरीद लेंगे क्योंकि किसी को पता नहीं चलेगा कि यह Made in china है या कुछ और। इतना ही नहीं चीन ने PRC लिखने के साथ ही अपने सामान को भारतीय लुक देने की भी कोशिश की है। चीन अब प्रॉडक्ट्स के नाम ऐसे रखता है जैसे यह भारत में ही बने हैं।
चीन ने अब भारत में अपने सामान पर चाइनीज भाषा का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया है। वो अपने प्रोडक्ट्स पर अंग्रेजी के अलावा अब हिंदी भाषा का भी इस्तेमाल करता है ताकि भारतीय आसानी से इसे खरीद लें। चीन अपनी चाल में कामयाब भी हो रहा है क्योंकि भारतीय तो Made in china ही ढूंढते रह जाते हैं। अब अगली बार आप दुकान पर सामान लेने जाएं तो ध्यान से देखें सामान पर Made in china लिखा है या PRC, उसके बाद ही कुछ खरीदें।