Edited By Yaspal,Updated: 25 Dec, 2020 06:55 PM
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को जनता की प्रतिष्ठा का सवाल बताते हुए कहा कि किसान महीने भर से सड़क पर बैठे हैं लेकिन केंद्र की संवेदनहीन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं। गहलोत ने कहा कि कभी मध्यप्रदेश तो कभी अन्य...
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को जनता की प्रतिष्ठा का सवाल बताते हुए कहा कि किसान महीने भर से सड़क पर बैठे हैं लेकिन केंद्र की संवेदनहीन सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं। गहलोत ने कहा कि कभी मध्यप्रदेश तो कभी अन्य प्रदेशों के किसानों से अलग अलग बात करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के किसानों से बात करनी चाहिए।
अपनी सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरे होने पर यहां मीडिया से संवाद कार्यक्रम में गहलोत ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ भारत सरकार को समझना चाहिए कि किसान सर्दी में बैठे हैं, लेकिन उसे परवाह ही नहीं है, इतनी संवेदनहीनता नहीं होनी चाहिए। प्रतिष्ठा तो जनता की होती है, जनता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी तो नेता की प्रतिष्ठा कायम रहेगी, सरकार की प्रतिष्ठा कायम रहेगी। आज जनता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘किसान 25-30 दिन से सड़कों पर बैठे हैं और कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। रोज उनको निमंत्रण देकर भ्रम फैलाते हैं और आरोप विपक्ष लगाते हैं।''
किसान आंदोलन को स्वत:स्फूर्त आंदोलन बताते हुए गहलोत ने कहा, ‘‘पूरे देश के किसान दुखी हैं वे समझते हैं कि आने वाला वक्त बर्बादी भरा होगा और वे अपनी आने वाली पीढ़ी को इस बर्बादी से बचाना चाहते हैं इसलिए आंदोलन की राह पर हैं।'' गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी मध्यप्रदेश तो किसी अन्य राज्य के किसानों से बात करने के बजाय देश के किसानों से बात करनी चाहिए और उन्हें अपने कृषि विधेयकों के बारे में समझाना चाहिए।''