Edited By vasudha,Updated: 08 May, 2019 01:30 PM
राष्ट्रीय नागरिक पंजी द्वारा ‘मनमाने'' तरीके से भेजे जा रहे नोटिसों के कारण कुछ लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है और इसके देखते हुए कांग्रेस ने नागरिक पंजी के जिला रजिस्ट्राट को ज्ञापन सौंप कर इससे बचने को कहा है...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय नागरिक पंजी द्वारा ‘मनमाने' तरीके से भेजे जा रहे नोटिसों के कारण कुछ लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है और इसके देखते हुए कांग्रेस ने नागरिक पंजी के जिला रजिस्ट्राट को ज्ञापन सौंप कर इससे बचने को कहा है। जिला कांग्रेस समिति ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि पिछले वर्ष प्रकाशित एनआरसी मसौदे के दौरान सभी दस्तावेजों की जांच कराने वाले अल्पसंख्यकों को परेशान किया जा रहा है। एनआरसी के लक्ष्य नागरिकों और ‘अवैध आव्रजकों' की पहचान करना है।
पंजी का अंतिम मसौदा जुलाई, 2018 में प्रकाशित किया गया। इसके लिए 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था जिनमें से 40.07 लाख नाम शामिल नहीं किए गए थे। लोगों को पंजी में अपना नाम डलवाने का दावा करने के लिए 31 दिसंबर, 2018 तक का समय दिया गया था। इस अवधि में लोगों को पंजी में विदेशियों के नाम जुड़े होने का संदेह होने पर आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार भी दिया गया था।
अंतिम सूची 31 जुलाई को जारी की जानी है। कांग्रेस के ज्ञापन में दावा किया गया कि ‘काल्पनिक' व्यक्ति अलग-अलग हितों को लेकर शिकायतें और आपत्ति उठा रहे हैं और इसके आधार पर अधिकारी नागरिकों को नोटिस भेज रहे हैं। उसमें आरोप लगाया गया है कि अर्जी की सुनवाई के वक्त शिकायतकर्ता अधिकारियों के समक्ष पेश भी नहीं होते हैं। उसमें कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि शिकायतकर्ता के पास अर्जी का नंबर या विस्तृत पता है या नहीं।