Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jun, 2019 11:18 AM
मां चिन्तपूर्णी ज्योतिष संस्थान नई दिल्ली की आचार्य रेखा कल्पदेव ने कहा है कि भगवान श्री राम की जन्म पत्री में चतुर्थ भाव सूर्य के प्रभाव और शनि की स्थिति से पीड़ित है। चतुर्थेश शुक्र नवम भाव में राहु
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
नई दिल्ली (स.ह.): श्री मां चिन्तपूर्णी ज्योतिष संस्थान नई दिल्ली की आचार्य रेखा कल्पदेव ने कहा है कि भगवान श्री राम की जन्म पत्री में चतुर्थ भाव सूर्य के प्रभाव और शनि की स्थिति से पीड़ित है। चतुर्थेश शुक्र नवम भाव में राहु व केतु पक्ष में होने से कमजोर हो गया है। चतुर्थेश शुक्र के नवम भाव में राहु व केतु के प्रभाव में आने से अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है। चतुर्थ भाव पर गोचर में शनि की दृष्टि भवन निर्माण या गृह निर्माण करवाती है।
उन्होंने कहा कि इस समय शनि धनु राशि में गोचर कर रहे हैं जोकि उनके छठे भाव में आते हैं। यहां से शनि जन्म के राहु को प्रभावित कर रहे हैं पर चतुर्थ भाव को सक्रिय नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी, 2020 में जब शनि मकर राशि में गोचर में आएंगे उस समय गोचरस्थ शनि जन्म लगन को दृष्टि देंगे और चतुर्थ भाव के फल भी सक्रिय होंगे। ऐसे में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण अवश्य होगा।
उन्होंने कहा कि मार्च, 2019 में शनि ने गोचर के राहु को देखा था। इसलिए उस समय केवल राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीति होती रही परंतु कोई भी परिणाम सामने नहीं आया। शनि न्याय प्रक्रिया का कारक ग्रह है। गुरु धर्म स्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रह हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का जन्म कर्क लगन में हुआ था। लगन भाव में उच्च राशि का गुरु व सप्तम भाव में उच्च राशि का मंगल, दसवें भाव में उच्च राशि का सूर्य, चौथे भाव में उच्च राशि का शनि, नवम भाव में उच्च राशि का शुक्र विराजमान थे। उच्च के ग्रहों की स्थिति के कारण उनकी कुंडली में हंस योग, शश योग, रुचक योग व कई अन्य महत्वपूर्ण योग विराजमान हैं।