कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में कब खुलेंगे मंदिर, जवाब दे उद्धव सरकार: बॉम्बे हाईकोर्ट

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Aug, 2020 04:13 PM

coronavirus court asks maharashtra govt to clarify on reopening of temples

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि राज्य में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बीच पूजा स्थलों को फिर से खोलने के संबंध में वह अपना रुख स्पष्ट करे। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ शहर के एक गैर...

नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि राज्य में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बीच पूजा स्थलों को फिर से खोलने के संबंध में वह अपना रुख स्पष्ट करे। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ शहर के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में राज्य में मंदिरों को फिर से खोलने और सीमित संख्या में भक्तों को प्रवेश करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। अदालत ने महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी को निर्देश दिया कि वह इस बारे में राज्य के रुख को स्पष्ट करते हुए हलफनामा दायर करें।

 

महाधिवक्ता ने हालांकि अदालत को बताया कि 12 अगस्त को राज्य ने अदालत की एक अन्य पीठ के समक्ष जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए उसका अभी किसी भी पूजा स्थल को खोलने का इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि उक्त जवाब उस याचिका की सुनवाई में दिया गया था जिसमें जैन मंदिरों को भक्तों के लिए खोलने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार का हर पूजा स्थल के बारे में वही रुख है, भले ही वह किसी भी धर्म से संबंधित हो। याचिका दायर करने वाले NGO के वकील दीपेश सिरोया ने तर्क दिया कि कोरोना वायरस के बाद भी आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया गया है। लेकिन पीठ ने राज्य सरकार को अलग से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

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