Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Oct, 2018 09:17 PM
भारत ने आज अमेरिका की परवाह किए रूस के साथ एस-400 मिसाइल की खरीद की डील पर साइन कर दिए। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज हुई 19वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के दौरान इस डील पर करार हुआ।
नई दिल्ली: भारत ने आज अमेरिका की परवाह किए रूस के साथ एस-400 मिसाइल की खरीद की डील पर साइन कर दिए। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज हुई 19वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक के दौरान इस डील पर करार हुआ। भारत 5.43 अरब डॉलर यानी लगभग 40 हजार करोड रुपए में रूस से मिसाइलों के पांच स्क्वैड्रन खरीदेगा। मिसाइलों की आपूर्ति दो साल बाद शुरू हो जाएगी। यानि कि भारतीय वायुसेना को 2020 तक यह मिसाइल मिल जाएगी। वहीं रूस पीएम मोदी के मिशन गगनयान-2022 को पूरा करने में भी सहयोग देगा। बैठक में जहां रूसी राष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा जिसमें उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं। वहीं बैठक में भारतीय केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं।
रूस-भारत के बीच 8 समझौते
- दोनों देशों के बीच जिन आठ करारों पर हस्ताक्षर किए गए उनमें परामर्श के प्रोटोकॉल को विस्तार देने
- नीति आयोग एवं रूस के आर्थिक सहयोग मंत्रालय के बीच सहयोग
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो एवं रोसकास्मॉस के बीच सहयोग
- रेलवे
- परमाणु
- परिवहन
- शिक्षा
- लघु उद्योगों के क्षेत्रों में सहयोग
- खाद के क्षेत्र में इंडियन पोटाश लिमिटेड और फोसएग्रो के बीच समझौते पर भी दस्तखत हुए।
मोदी-पुतिन की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस
पीएम मोदी बोले
- भारत-रूस के बीच मानव संसाधन विकास से लेकर प्राकृतिक संसाधन तक, व्यापार से लेकर निवेश, नाभिकीय ऊर्जा के शान्तिपूर्ण सहयोग से लेकर सौर ऊर्जा, तकनीक से लेकर बाघ संरक्षण, सागर से लेकर अंन्तरिक्ष तक संबंधों को और व्यापक बनाया जाएगा।
- आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष, अफगानिस्तान तथा हिन्द-प्रशांत के घटनाक्रम, जलवायु परिवर्तन, शंघाई सहयोग संगठन, ब्रिक्स जैसे संगठनों एवं जी-20 तथा आसियान जैसे संगठनों में सहयोग करने में दोनों देशों के साझा हित हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में अपने लाभप्रद सहयोग को जारी रखने पर सहमत हुए हैं।
- भारत- रूस मैत्री अपने आप में अनूठी है। इस विशिष्ट रिश्ते के लिए पुतिन की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता से इन संबंधों को और भी ऊर्जा मिलेगी। हमारे बीच प्रगाढ़ मैत्री और दृढ़ होगी और हमारी विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को नई बुलंदियां प्राप्त होंगे।
पुतिन बोले
- आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के खतरे से निपटने के लिए रूस भारत के साथ।
- भारत के साथ हमारा पुराना और मजबूत रिश्ता है, मैं भारतीय कंपनियों को रूस में कारोबार करने के लिए आमंत्रित करता हूं।
- पुतिन ने ब्लाडिवोस्टक फोरम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि गैस उत्पादन में भारत को उचित कीमत पर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रूस प्रतिबद्ध है।
ये थी अमेरिका की चेतावनी
यहां बता दें कि यह डील भारत ने अमेरिका की उस चेतावनी के बावजूद की है जिसमें रूस से हथियार खरीदने पर डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को आर्थिक प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। हालांकि भारत ने रक्षा और विदेश मंत्री के स्तर पर अमेरिका से पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह रूस से एस-400 मिसाइल के सौदे पर पीछे नहीं हटेगा। उसने कहा है कि रूस के साथ उसके दशकों पुराने रक्षा संबंध हैं और उससे लंबे समय से रक्षा उत्पाद खरीद रहा है तथा एस-400 मिसाइल सौदे पर भी लंबे समय से बात चल रही थी। अमेरिका ने कहा था कि वह भारत पर ‘काट्सा’ यानी ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवसरिज थ्रू सेंक्शंस एक्ट‘ के तहत आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है। इस कानून में प्रावधान है कि यदि कोई भी देश रूस, ईरान या उत्तर कोरिया से हथियारों की खरीद करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
S-400 मिसाइल की खासियत
- भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए। इसमें दुश्मनों के लड़ाकू विमान गिराने की जबरदस्त क्षमता है।
- यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन को आसमान में ही खत्म कर सकता है।
- एस-400 में अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी ताकत है।
- अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर हैं।